अमेरिकी न्याय विभाग ने शुक्रवार (8 नवंबर 2024) को कहा कि ईरान नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रच रहा है। राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रम्प की हत्या की नाकाम कोशिश हुई थी। इस मामले में 3 लोगों पर आरोप तय किया गया है। ईरानी अधिकारियों ने सितंबर में 51 वर्षीय फरहाद शकेरी को ट्रंप की हत्या की जिम्मेदारी दी थी। शकेरी फिलहाल फरार है और ईरान में है।
अब खबर है कि अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए 78 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा के पाम बीच में स्थित अपने घर ‘मार-ए-लागो’ में सुरक्षा के लिए रोबोट कुत्तों को शामिल किया है। स्थानीय मीडिया आउटलेट ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘रोबोट कुत्ते’ को शुक्रवार (8 नवंबर) को डोनाल्ड ट्रंप के बगीचों में घूमते देखा गया। इन रोबोट को बोस्टन की एक कंपनी ने बनाया है।
डोनाल्ड ट्रंप की हत्या में ईरानी साजिश का खुलासा करते हुए अभियोजकों ने कहा कि शकेरी को ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) द्वारा अमेरिका में अमेरिकी और इजरायली नागरिकों की हत्या का काम सौंपा गया था। बाद में ईरान ने शकेरी को केवल ट्रम्प पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा था। ट्रंप की हत्या की योजना बनाने के लिए उसे सात दिन का समय दिया गया था।
ईरान की राजधानी तेहरान में रह रहा अफगान मूल का शकेरी उस समय सीमा में कोई योजना बनाने में असमर्थ था। इसके बाद उसने IRGC के अधिकारियों से समय सीमा को राष्ट्रपति चुनाव के बाद आगे बढ़ने का इंतजार करने का आग्रह किया था। फरहाद शकेरी का मानना था कि डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव में हार जाएँगे।
न्याय विभाग के अनुसार, शकेरी संयुक्त राज्य अमेरिका में बस गया था, लेकिन डकैती के लिए जेल की सजा काटने के बाद साल 2008 में उसे निर्वासित कर दिया गया था। जेल में रहते हुए उसने साजिश में शामिल कार्लिसल रिवेरा और जोनाथन लोडहोल्ट से मिला था। शकेरी ने इन दोनों को ब्रुकलिन में रहने वाले एक ईरानी अमेरिकी कार्यकर्ता को निशाना बनाने के लिए उन्हें काम पर रखा।
शकेरी ईरानी तेल और ईंधन व्यवसाय से जुड़े अपने काम के माध्यम से IRGC के एक सीनियर कमांडर से मिला था। जब अधिकारी को पता चला कि शकेरी पहले न्यूयॉर्क में रहता था तो उसने अमेरिका में व्यक्तियों की जाँच के नाम पर उसकी मदद माँगी। शकेरी ने न्यूयॉर्क जेल में रहने के दौरान मिले अपराधियों के नेटवर्क के सहारे ईरानी अधिकारियों के लिए गुप्तचरी का काम शुरू कर दिया।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, शकेरी अपने दो सह-षड्यंत्रकारियों जैसे अपराधिक सहयोगियों को निगरानी करने के लिए पैसे देता था। जिनकी निगरानी के लिए ईरानी अधिकारी कहते थे, दरअसल वे उनकी हत्या कराना चाहते थे। इनमें से एक ईरानी-अमेरिकी पत्रकार एवं राजनीतिक कार्यकर्ता मसीह अलीनेजाद भी थीं। अलीनेजाद ईरान के निशाने पर थीं। शकेरी ने इनकी भी निगरानी कराई थी।
शकेरी के अलावा, शुक्रवार को जिन दो अन्य लोगों पर आरोप तय किए गए हैं उनके नाम हैं कार्लिसल रिवेरा और जोनाथन लोडहोल्ट। ये दोनों अमेरिकी नागरिक हैं। दोनों को न्यूयॉर्क में गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों ने अलीनेजाद की निगरानी की थी। IRGC का ब्रिगेडियर जनरल रूहोल्लाह बाज़घन पत्रकार अलीनेजाद की हत्या करवाना चाहता था। इसके लिए ईरान शकेरी को भरपूर धन मुहैया कराता था।
दरअसल, अमेरिकी सरकार ने बार-बार चिंता जताई है कि ईरान साल 2020 के अमेरिकी ड्रोन हमले का बदला लेने की कोशिश कर सकता है। इस हमले में रिवॉल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया गया था। इस हमले का आदेश डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए दिया था। इसके कारण ईरान द्वारा ट्रम्प या उनके पूर्व सलाहकारों को मारने की कोशिश का अंदेशा था।
बता दें कि साल 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले प्रचार के दौरान 13 जुलाई को पेंसिलवेनिया के बटलर में डोनाल्ड ट्रंप एक रैली को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन पर हमला किया था। हालाँकि, गोली उनके कान को छूकर निकल गई थी और इस हमले में वे बाल-बाल बच गए थे। इसके बाद ट्रंप को तुरंत यूएस सीक्रेट सर्विस एजेंटों द्वारा मंच से उतार दिया था।
इसके बाद सितंबर 2024 में उन पर दूसरी बार हमला हुआ था। ट्रंप 16 सितंबर की दोपहर गोल्फ खेल रहे थे, तभी गोलियों की आवाजें आने लगीं। आवाज सुनते ही सुरक्षाकर्मियों ने ट्रंप को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया और उसके बाद इलाका पूरा सील किया गया। गोलीबारी के बाद स्थानीय पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में लिया थी, जिसकी पहचान 58 वर्षीय रियान वेल्से राउथ के तौर पर हुई थी।