पश्चिमी तेहरान के एकबतान में बबाक खोर्रमुद्दीन नाम के ईरानी फिल्म मेकर की उनके अम्मी-अब्बा ने ही निर्ममता से हत्या कर दी। कथित तौर पर फिल्म निर्देशक अविवाहित थे। अम्मी-अब्बा उन पर लगातार निकाह का दबाव बना रहे थे। इसको लेकर बबाक का अपने अब्बा से कई बार झगड़ा भी हुआ था। रविवार को (16 मई 2021) इसके कारण उनकी हत्या कर दी गई। उनके शव के टुकड़े कर कचड़े के बैग और सूटकेस में भरकर फेंक दिया गया।
Comes within a year of a child being beheaded by her dad and recent beheading of a 20-year old gay man by his brother. “Honour” and “morality” have been cited as motives in all cases. It’s almost common knowledge in Iran that such crimes carry a max prison sentence of just 10 yrs
— Golnar Motevalli (@golnarM) May 19, 2021
तेहरान क्रिमिनल कोर्ट के प्रमुख मोहम्मद शहरियारी ने बताया कि खोर्रमुद्दीन के पिता अकबर ने पकड़े जाने पर स्वीकार लिया है कि उन्होंने ड्रग देकर अपने बेटे को मारा। बाद में शव के टुकड़े कर कूड़े में फेंक दिया। पुलिस ने दंपती को हिरासत में ले लिया है।
बुधवार को उनकी कोर्ट मे पेशी हुई। यहाँ अकबर ने माना कि रविवार को (16 मई 2021) उन्होंने पहले अपने बेटे की हत्या की। उनकी पत्नी ने शव को बाथरूम में ले जाने में मदद की। वहाँ दोनों ने शव के टुकड़े किए। फिर सूटकेस में व कूड़े के बैग में भरकर फेंक दिया।
आरोपित अकबर ने बताया, “मेरा बेटा अविवाहित था। वह हमें प्रताड़ित करता था। हमारी जान खतरे में थी। हम एक दिन के लिए भी सुरक्षित नहीं थे। वह जो चाहे वो करता था। उसकी माँ और मैंने सोचा कि अब इससे पार पाएँगे ताकि हमारी इज्जत से और खिलवाड़ न हो।”
ब्लूमबर्ग के पत्रकार गोलनार मोटेवाली का कहना है कि पिता ने कोर्ट में अपने किए पर कोई शर्मिंदगी नहीं जाहिर की और सबके सामने कहा, “मुझे कोई पछतावा नहीं है”। साथ ही ये भी बताया कि उन्होंने 3 साल पहले अपनी बेटी और 10 साल पहले अपने दामाद को भी मारा था।
बबाक खोर्रमुद्दीन
47 साल के बबाक लंदन में रहते थे और तेहरान यूनिवर्सिटी से उन्होंने 2009 में सिनेमा में ग्रेजुएशन की थी। 2010 में वह लंदन में शिफ्ट हुए थे। लेकिन बाद में वह दोबारा बच्चों को पढ़ाने अपने घर ईरान लौट आए। खोर्रमुद्दीन ने कई शॉर्ट और फीचर फिल्मों को बनाया था। इसमें ‘Colorless Blonde Corrupted’, ‘Tuesday: Mom’, ‘Rosen’ और ‘Cut’ शामिल है। उनकी सबसे मशहूर फिल्म ‘The Oath Letter for Yasar’ है, जिसे उन्होंने 2013 में शूट किया था। इस फिल्म में उन्होंने विदेश में पढ़ाई के अपने अनुभव को दिखाया था।