आतंकी समूह ISIS आने वाले क्रिसमस पर आत्मघाती हमले की तैयारी कर रहा है। इन हमलों के लिए आत्मघाती लड़ाकों की भर्ती के लिए उसने टिकटॉक को अपना हथियार बनाया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग गैर-मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने में किया जा रहा है। इसमें कई वेबसाइटें ऐसी भी हैं, जो बच्चों में काफी लोकप्रिय हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पोस्ट किए गए एक वीडियो में क्रिसमस के दौरान हमले के लिए उकसाया गया है। हमले के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने की बात कही गई है। इस वीडियो में उत्तेजक म्यूजिक के साथ क्रिसमस को काफिरों का त्यौहार बताया गया है। साथ ही ईसाइयों को दानव बताया गया। वीडियो में कहा गया है कि ये अल्लाह को नहीं मानते। इसी के साथ ईसाइयों की धार्मिक भावनाओं का मज़ाक भी उड़ाया गया है।
इसी वीडियो में उनके दिलों में दहशत बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। क्रिसमस के दौरान सजी दुकानों और बाज़ारों को टारगेट के तौर पर दिखाया गया। इसमें कहा गया है, “अल्लाह के लड़ाकों इन कुफ्र वालों का खून बहाने के लिए तैयार हो जाओ।” साथ ही इसमें खुलेआम आत्मघाती हमले के लिए उकसाते हुए उनके बीच उनके ही कपड़े पहन कर घुस जाने के लिए कहा गया है।
एक बुर्का पहने महिला का भी एकाउंट चर्चा में है। उस वीडियो में वो जर्मनी की बिल्डिंग और भवनों को दिखा रही है। वीडियो बीप की आवाज के साथ शुरू होता है। बाद में वीडियो में पुलिस के सायरन सुनाई देते हैं। इसमें उसे कहते सुना जा सकता है कि अल्लाह तुम्हे जन्नत में स्वीकार करे। जाँच के बाद ये माना जा रहा है कि यह सभी आत्मघाती हमलावरों की भर्ती के प्रयास हैं।
इस बीच ब्रिटेन में आतंकी हमलों की आशंका के चलते सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। बताया जा रहा है कि लिवरपूल में कार बम हमले के बाद अभी और आतंकी हमले हो सकते हैं। इन्हे लोन वुल्फ अटैक कहा जाता है। बताया जा रहा है कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान कई चरमपंथियों ने खुद को हमले के लिए मानसिक रुप से तैयार कर रखा है।
इस बीच इटली में 19 साल की एक लड़की को संदिग्ध गतिविधियों के चलते गिरफ्तार किया गया है। उसके फोन में सिर कलम करने की वीडियो के साथ ISIS से जुड़े अन्य वीडियो भी मिले हैं। इसी के साथ काबुल हवाई अड्डे पर पर खुद को इसी साल अगस्त में बम से उड़ा कर 183 लोगों की जान ले लेने वाले हमलावर की फोटो भी उसके मोबाइल में मिली है। मिलान पुलिस के अनुसार उसका संबंध अंतरराष्ट्रीय आतंकी समूहों से हो सकता है।
गौरतबल है कि इस से पहले अप्रैल 2019 में आतंकी समूह ISIS ईस्टर में श्रीलंका में आतंकी हमले कर चुका है। इन हमलों में कम से कम 25 लोगों की मौत हुई थी और 280 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इन सीरियल धमाकों की संख्या 6 थी जिसमे लक्जरी होटलों तक को निशाना बनाया गया था।