श्री लंका में गत रविवार हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की जिम्मेदारी कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है। IS की प्रोपेगैंडा एजेंसी AMAQ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “श्री लंका में ईसाईयों और अमेरिका के समर्थक देशों के नागरिकों को जिन्होंने मारा है, वो इस्लामिक स्टेट के लड़ाके हैं।”
321 मरे, 500 घायल
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार इस बीच श्री लंका धमाकों में मृत लोगों की संख्या बढ़कर 321 हो चुकी है। श्री लंका के पर्यटन मंत्री जॉन अमरतुंगा ने मृतकों में कम से कम 39 विदेशियों के होने की भी पुष्टि की है। ईसाईयों के ईस्टर पर्व पर हुए हमले में श्री लंका के गिरजाघरों और लक्ज़री होटलों को निशाना बनाया गया था।
इस मामले में श्री लंका में 20 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह भी दावा किया है कि एक आत्मघाती हमलावर को पहले भी भगवान बुद्ध की प्रतिमा ध्वंस करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
आपको बता दें कि भारत ने श्री लंका को ऐसे किसी संभावित हमले की आशंका को लेकर पहले ही आगाह किया था। भारत ने श्री लंका को कई बार आगाह करते हुए कहा था कि नेशनल तौहीद जमात से जुड़े कई लोग पाकिस्तान में सक्रिय हैं। इस्लामिक कट्टरपंथ और जिहाद के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी भारत ने श्री लंका को चेतावनी दी थी।
लश्कर के चैरिटी समूह फलाह-ए-इंसानियत ने 2016 में ही दावा किया था कि अफ़ग़ानिस्तान, सीरिया और श्री लंका सहित कई देशों में उसकी उपस्थिति है। लश्कर के एक अन्य चैरिटी विंग इदारा ख़िदमत-ए-ख़ल्क़ के भी यहाँ तौहीद के साथ मिलकर काम करने की बात सामने आई थी। 2004 में श्री लंका और मालदीव में सुनामी आने के बाद ये संगठन बचाव कार्यों में काफ़ी सक्रिय रहा था और उसके बाद इसने धीरे-धीरे वहाँ पैठ बनानी शुरू कर दी।