हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच ईरान की एक शिया दरगाह में बंदूकधारियों ने गोलियाँ बरसाई। हमले में 15 लोगों की मौत हो गई। 40 जख्मी है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
हमला बुधवार (26 अक्टूबर 2022) को दक्षिणी ईरान के शिराज में स्थित शाह चेराघ दरगाह पर हुआ। इस्लामिक स्टेट ने टेलीग्राम चैनल के जरिए हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है, “हमले में कम से कम से कम 20 शिया मारे गए और दर्जनों घायल हो गए।” वहीं, स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इस हमले में 15 लोगों की मौत हुई है।
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी ईरना ने न्याय विभाग के हवाले से कहा कि तीन हथियारबंद आतंकवादी स्थानीय समय के अनुसार शाम 5:45 बजे दरगाह में घुसे थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, दरगाह में घुसते ही हथियारबंद आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। प्रवर्तन एजेंसियों ने दो आतंकवादियों को पकड़ लिया, जबकि तीसरे की तलाश जारी है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि हमलावर ईरानी नागरिक नहीं हैं।
इस्लामिक स्टेट पहले भी शिया मस्जिद और दरगाहों पर हमले कर चुका है। आतंकियों ने 2017 में ईरानी संसद की इमारत और देश के पूर्व सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खोमैनी के मकबरे को निशाना बनाया था। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा कि वे इस हमले की साजिश रचने वालों को छोड़ेंगे नहीं।
गौरतलब है कि इस्लामी मुल्क ईरान में हिजाब के खिलाफ महिलाएँ महीने भर से अधिक समय से सड़कों उतर कर प्रदर्शन (Anti-Hijab Protest) कर रही हैं। इनमें स्कूल छात्राओं की भी बड़ी संख्या है। इन प्रदर्शनों में भाग लेने वाली छात्र-छात्राओं को पुलिस हिरासत में लेकर मानसिक अस्पतालों में भेज रही है।
महसा अमीनी की हत्या के बाद से महिलाएँ सड़कों पर उतर कर विरोध कर रही हैं। वे हिजाब फेंककर, जलाकर और अपने बालों को काटकर हिजाब के लिए इस्लामी सरकार का विरोध कर रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खुमेनाई की तस्वीरें भी जलाईं। इन प्रदर्शनकारी महिलाओं को देश-दुनिया से भर से भारी समर्थन मिल रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2022 में पुलिस द्वारा मारी गई महसा अमीनी की मौत के बाद से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन से 3 अक्टूबर के बीच ईरान के सुरक्षा बलों ने 144 लोगों की हत्या कर दी है। इनमें महिला, पुरुष और बच्चे शामिल हैं। हालाँकि, मृतकों की वास्तविक संख्या इनसे कहीं अधिक बताई जा रही है।