विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 19 मार्च 2023 को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में हुई हिंसा पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब लोग भारत का सम्मान नहीं करते हैं तो यह बात उन्हें बहुत परेशान करती है। उन्होंने भारत की विदेश नीति और चुनौतियों को लेकर भी चर्चा की।
‘द रणवीर शो‘ नाम के पॉडकास्ट पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा, “लंदन में मैं अभी विमान से उतरा था। उस दौरान मैंने एक आदमी को भारतीय उच्चायोग पर चढ़ते के बारे में जाना। वह झंडे को नीचे खींचने की कोशिश कर रहा था … इससे मैं बहुत परेशान हो गया।”
उन्होंने कहा, “जब लोग नाम या प्रशंसा पाने की कोशिश करते हैं तो मैं इसे टाल देता हूँ। जब ‘मैं’ पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन मैं ‘मैं’ नहीं, बल्कि ‘इंडिया’ हूँ… यह भाव कि आपको कोई सम्मान नहीं दे रहा और लोग आपको नीचा दिखा रहे हैं, कभी-कभी आपके लिए घातक हो जाता है।”
इससे पहले जयशंकर ने कहा था कि भारत सुरक्षा के अलग-अलग मानकों को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने यूनाइटेड किंगडम पर मिशन के राजनयिकों को सुरक्षा प्रदान करने के दायित्व को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया। आमतौर पर जहाँ उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास होता है, उसकी सुरक्षा की अपेक्षा उस देश से की जाती है।”
बंगलुरु के भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा आयोजित एक रैली में जयशंकर ने कहा था, “जब भी कोई देश विदेश में कहीं भी अपना दूतावास भेजता है, तो यह उस देश का दायित्व बन जाता है कि वहाँ काम करने वाले राजनयिकों को वह सुरक्षा प्रदान करे। दूतावास या उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास और उनके परिसर का सम्मान सुनिश्चित करना उस देश का दायित्व है। यूके में इन दायित्वों को पूरा नहीं किया गया।”
बता दें कि इस घटना का असली सूत्रधार और नामित आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) का प्रमुख अवतार सिंह खांडा था। खांडा की 15 जून 2023 को यूके के बर्मिंघम के एक अस्पताल में मृत्यु हो गई। कहा गया कि उसे ब्लड कैंसर था। खुद को यूके का सबसे बड़ा सिख संगठन बताने वाले सिख फेडरेशन यूके ने भी कैंसर से मौत की बात कही थी।
अवतार सिंह खांडा शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और वरिष्ठ अधिवक्ता राजविंदर सिंह बैंस को मारने की साजिश में वांछित था। वह यूके में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था, जो केएलएफ के नाम से ब्रिटेन और अन्य देशों में सक्रिय है।