जापान की राजधानी टोक्यो में इस साल 24 जुलाई से 9 अगस्त तक ओलिंपिक गेम्स होंगे। इसमें दुनियाभर के हजारों खिलाड़ी, अधिकारी और फैन्स पहुँचेंगे। इस दौरान वहाँ आने वाले दूसरे मजहब के एथलीट, अधिकारी और समर्थकों को नमाज अता करने में कोई परेशानी न हो इसको ध्यान में रखते हुए एक चलती फिरती मस्जिद बनाई गई है।
Mosque on wheels: Japan has come up with a unique solution for the dearth of prayer spaces across Tokyo with a fully-equipped 48-square-meter prayer room https://t.co/FKD8Lf0udc pic.twitter.com/5Lu6LwO5oe
— Reuters (@Reuters) February 5, 2020
इस बार खेलों के दौरान टोक्यो की सड़कों पर ये मस्जिद चक्कों पर चलती हुई दिखाई देगी। जानकारी के मुताबिक टोक्यो में होटलों और सार्वजनिक क्षेत्रों में प्रार्थना स्थलों की कमी है, इसी को देखते हुए प्रशासन ने ‘मोबाइल मस्जिद’ का निर्माण करवाया है। यह ‘मोबाइल मस्जिद’ 48 वर्ग मीटर का ट्रक के पीछे बना एक प्रार्थना कक्ष है। जिसमें प्रार्थना के सभी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। इस वाहन में पानी की भी व्यवस्था है और साथ ही इस पर अरबी में लिखा गया है ताकि किसी को कोई परेशानी ना हो।
बता दें कि इस मोबाइल मस्जिद को यासु प्रोजेक्ट के नाम से तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के सीईओ यासुहारु इनो ने कहा कि वो चाहते हैं कि खिलाड़ी पूरी प्रेरणा के साथ प्रतिस्पर्धा में भाग लें और दर्शक भी उसी प्रेरणा के साथ खिलाड़ियों का प्रोत्साहन करें। इसके अलावा ओलंपिक खेलों में प्रार्थना के लिए खास कमरों को भी निर्माण खेल परिसर में किया जा रहा है।
यासुहारु इनो ने कहा कि उनके इस प्रयास से दुनिया भर के सभी लोगों में भेदभाव मुक्त शांतिपूर्ण ओलंपिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा। टोक्यो ओलंपिक आयोजकों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को एक ईमेल के जरिए बताया कि वह सभी धार्मिक लोगों के लिए सुविधाएँ देने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी धार्मिक आस्थाओं की एक सूची तैयार की जा रही है, जिससे कि सभी धर्म के लोगों की सुविधा के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जा सके।
Waseda University की एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान में कुल मस्जिदों की संख्या 105 के करीब है। हालाँकि इनमें से अधिकांश टोक्यों से बाहर हैं। पाँच बार नमाज पढ़ने वाले लोगों को कोई दिक्कत न हो इसलिए ऐसी व्यवस्था की गई है। वहीं प्रोजेक्ट के अधिकारी का कहना है कि उन्होंने एथलीट्स की सुविधाओं के लिए कई ओलिंपिक समितियों से बात की थी, जिसमें इंडोनेशिया भी शामिल है।