गलवान में चीनी सेना के धोखे से किए गए वार के बाद से दुनिया के कई देश खुलकर भारत के साथ खड़े हुए हैं। जापान भी अब इन देशों में शामिल हो गया है।
भारत का समर्थन करते हुए उसने कहा है कि वह नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने वाली किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करता है। भारत की सराहना करते हुए मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद जताई है।
जापान के भारत में राजदूत सतोशी सुजुकी ने बताया कि उनकी भारत के विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला से इस बारे में चर्चा हुई थी। सतोशी सुजुकी ने ट्वीट कर कहा, “मेरी विदेश सचिव श्रृंगला से अच्छी बातचीत हुई है। एलएसी पर श्रृंगला की ओर से दी गई जानकारी की और भारत सरकार के शांतिपूर्व समाधान के प्रयासों की मैं प्रशंसा करता हॅं। जापान आशा करता है कि इस विवाद का शांतिपूर्वक समाधान होगा। जापान यथास्थिति को बदलने की किसी भी कार्रवाई का विरोध करता है।”
Had a good talk with FS Shringla. Appreciated his briefing on the situation along LAC, including GOI’s policy to pursue peaceful resolution. Japan also hopes for peaceful resolution through dialogues. Japan opposes any unilateral attempts to change the status quo.
— Satoshi Suzuki (@EOJinIndia) July 3, 2020
जापान की तरफ से यह प्रतिक्रिया तब आई है जब उसने एक विधेयक में संशोधन किया है। इसके बाद वह भारत, ऑस्ट्रेलिया और यूके के साथ भी डिफेन्स इंटेलिजेंस साझा कर पाएगा। इस विधेयक के लागू होने से पहले तक जापान केवल अमेरिका के साथ डिफेन्स इंटेलिजेंस साझा कर सकता था।
इसके अलावा जापान सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी हाल ही में इस मामले पर अपना मत रखा था। मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि वह इस मामले पर शुरू से निगाह रखे हुए है, क्योंकि ऐसी घटनाओं का सीधा असर क्षेत्रीय स्थिरता पर पड़ सकता है।
इसके पहले 19 जून को भी सतोशी सुजुकी ने सीमा पर चीन और भारत की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में सैनिकों के बलिदान पर संवेदना जताई थी। उन्होंने कहा था, “हम भारत के नागरिकों और गलवान घाटी में अपने कर्त्तव्य का पालन करते हुए बलिदान होने वाले सैनिकों के परिजनों के लिए गहरी संवेदना जताते हैं।”