इस साल 22 फरवरी से लेकर 6 अप्रैल तक दुनिया भर में करोड़ों ईसाई ‘Lent Season’ मना रहे हैं, जिसके तहत वो उपवास करते हैं। मान्यता है कि इसी दौरान जीसस क्राइस्ट को शूली पर चढ़ाया गया था और इसके 3 दिन बाद ही वो फिर से जीवित हो उठे थे। इसी दौरान केन्या का एक व्यक्ति भी चर्चा में है। बुंगोमा के टोंगरेन का ये व्यक्ति खुद को जीसस क्राइस्ट बताता है। उसका नाम है इलियड सिमियू (Eliud Simiyu), जिसके कई अनुयायी भी हैं।
अब कुछ ईसाई ये भी पूछ रहे हैं कि क्या इलियड सिमियू भी येशु मसीह की तरह शूली पर चढ़ जाएगा और फिर 3 दिनों बाद वापस ज़िंदा हो जाएगा, क्योंकि वो खुद के जीसस क्राइस्ट होने का दावा करता रहा है। बाइबिल में लिखा है कि फरीसी समूह ने जीसस क्राइस्ट को गिरफ्तार कर लिया था। जीसस क्राइस्ट का शूली पर चढ़ा, उनकी मृत्यु, पुनर्जीवित होना और फिर स्वर्ग को प्राप्त होना – बाइबिल का ये एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ऑनलाइन तंज कसते हुए कुछ ईसाई ये भी कह रहे हैं कि अब जब ईस्टर नजदीक आ रहा है, ‘बुंगोमा के जीसस’ को अपनी जान का डर सता रहा है। बुंगोमा के कुछ कट्टर ईसाई भी उन्हें जीसस की तरफ शूली पर चढ़ाने की बातें कर रहे हैं। ये लोग कह रहे हैं कि इलियड सिमियू सच में एक मसीहा है और उन्हें शूली पर चढ़ाए जाने को लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए, क्योंकि 3 दिन बाद वो पुनर्जीवित होंगे और फिर स्वर्ग में जाएँगे।
इलियड सिमियू के ‘चमत्कार’ के बारे में लोकप्रिय है कि उन्होंने पानी को चाय बना दिया था। आसपास के चर्च में भी उनका काफी सम्मान है। उनका कहना है कि 2009 में गॉड की तरफ से उन्हें बताया गया था कि वो मसीहा हैं। लुखोख्वे गाँव में रहने वाले ‘टोंगरेन के येशु’ की एक पत्नी और 8 बच्चे हैं। उनके अनुयायी उनके सामने झुकते हैं, उनसे बाइबिल की शिक्षा लेते हैं। उन्होंने ‘न्यू जेरुसलम’ नाम से एक नया संप्रदाय बनाया है। उनकी शादी 2001 में हुई थी।