ब्रिटेन में 12 दिसंबर को चुनाव होने हैं। उससे पहले जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) ने चुनावों में विपक्षी लेबर पार्टी को बिना शर्त समर्थन का ऐलान किया है। जेकेएलएफ एक आतंकी संगठन है और उसे पाकिस्तान की सरपरस्ती हासिल है।
लेबर पार्टी की कमान जेरेमी कोर्बिन के पास है। कोर्बिन अपने भारत विरोधी रुख और कश्मीर पर पाकिस्तानी एजेंडे को हवा देने के लिए जाने जाते हैं। पिछले महीने कोर्बिन से कॉन्ग्रेस के एक प्रतिनिधमंडल ने भी मुलाकात की थी। उसी लेबर पार्टी को चुनावों में समर्थन देने को लेकर जेकेएलएफ की ब्रिटिश शाखा की तरफ से बयान जारी किया गया है।
Jammu Kashmir Liberation Front (JKLF), largest political movement of JK origin, has reaffirmed it’s commitment to @UKLabour cause, and has announced unconditional support for Labour Party and @jeremycorbyn in historic General Elections in the UK on 12th December. @naomi2009 pic.twitter.com/cgjW8ZQ5C2
— JKLF MEDIA CELL UK (@JklfUk) November 26, 2019
कोर्बिन को लिखे अपने पत्र में JKLF ने कहा कि यूके में कश्मीरी प्रवासी और विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के हजारों सदस्यों की ओर से उन्होंने अपना समर्थन लेबर पार्टी को देने का निर्णय किया है। पत्र में JKLF ने कश्मीर पर लेबर पार्टी और कोर्बिन की प्रशंसा की है। लेबर पार्टी और कोर्बिन ने कश्मीर पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की वकालत की थी।
कोर्बिन के भारत विरोधी रुख के वाबजूद कॉन्ग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि उनसे मिले थे। इस दौरान कश्मीर में मानवाधिकारों के मुद्दों पर चर्चा भी की थी। हालाँकि जब यह बात उजागर हो गई तो कॉन्ग्रेस ने सफाई देते हुए कहा था कि बैठक में लेबर पार्टी के भारत विरोधी प्रस्ताव की निंदा की गई। मानवाधिकारों पर चर्चा नहीं हुई।
उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में कश्मीर मुद्दे पर भारत का रुख जानने के बाद भी लेबर पार्टी ने कोर्बिन से भारत और पाकिस्तान दोनों के उच्चायुक्तों से मिलने के लिए कहा था। इतना ही नहीं 25 सितंबर को इस मसले पर पार्टी ने एक रेज्यूलेशन भी पास किया था, जिसमें ‘कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय हस्तक्षेप और संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व-जनमत संग्रह के आह्वान’ का समर्थन किया गया था। हालाँकि, भारी विरोध और भारतीय मूल के लोगों की नाराजगी के कारण इस प्रस्ताव को वापस ले लिया और बाद में पार्टी अध्यक्ष ने कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बताया।
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