Friday, April 19, 2024
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Article 370: ब्रिटिश MP ने लेबर पार्टी के मुस्लिम सांसदों को बताया हिन्दू-विरोधी

सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा है कि मोदी सरकार को अपने घोषणा-पत्र के वादों को पूरा करने का पूरा हक है। उन्होंने कहा है कि यह मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल है और लेबर पार्टी के सांसदों को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह अबकी वह पिछली बार से भी अधिक मजबूत बहुमत लेकर सत्ता में आए हैं।

ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को पत्र लिख कर अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले को भारत का आंतरिक मुद्दा बताया है। सांसद ने लिखा है कि हम किसी अन्य देश के आंतरिक मसलों में हस्तक्षेप नहीं करते और भारत जैसे मित्र देशों के आंतरिक मुद्दों में तो बिलकुल नहीं। बॉब ने लिखा कि भारत सरकार ने देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का निर्णय लिया है और क्या एक लोकतान्त्रिक देश में इस निर्णय का विरोध करना उचित है? उन्होंने इस बात पर नाराज़गी जताई कि लेबर पार्टी के कुछ सांसद इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं।

सांसद बॉब ने याद दिलाया कि अनुच्छेद 370 हटाना भाजपा का चुनावी वादा था और उसे अपने घोषणा-पत्र के वादों को पूरा करने का पूरा हक है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि यह मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल है और लेबर पार्टी के सांसदों को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह अबकी वह पिछली बार से भी अधिक मजबूत बहुमत लेकर सत्ता में आए हैं। सांसद बॉब ने पूछा कि क्या एक लोकतान्त्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को अपने वादे पूरा करने का अधिकार नहीं है?

बॉब ब्लैकमैन ने लिखा है कि भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 का प्रावधानों को ख़त्म करने और जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन करने से सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ होगी और राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने लिखा,

“70% बौद्ध जनसंख्या वाले लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित करना यह दिखाता है कि भारत सभी धर्मों व सम्प्रदायों के प्रति सहिष्णु रुख रखता है। लेबर पार्टी हिन्दू-विरोधी और भारत-विरोधी पार्टी बन गई है, जो विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र से हमारे संबंधों को बिगाड़ना चाहती है। हजारों कश्मीरी पंडितों को इस्लाम कबूल न करने पर या तो मार डाला गया था या फिर अपनी मातृभूमि से निकाल दिया गया। इस त्रासदीपूर्ण इतिहास को नजरअंदाज किए बिना भारत सरकार पर ‘जमीन छीनने’ और ‘हिन्दू नागरिकों को बसाने’ जैसे भड़काऊ आरोप लगाए जा रहे हैं।”

बता दें कि कुछ सांसदों ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को पत्र लिख कर भारत सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने ब्रिटेन को भारत, कश्मीर और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की सलाह देते हुए लिखा था कि भारत कश्मीर पर कब्ज़ा करने का प्रयास कर रहा है। इन सांसदों ने मॉब लॉन्चिंग का भी रोना रोया और लिखा कि कश्मीर को नई दिल्ली ने गुलाम बना लिया है। पत्र लिखने वाले सांसदों में खालिद महमूद, फैसल राशिद, शबाना महमूद, मोहम्मद राशिद व अन्य शामिल थे।

इन मुस्लिम सांसदों ने भारत सरकार पर आरोप लगाया कि वह मुस्लिम बहुल कश्मीर में हिन्दुओं को बसा कर राज्य को हिन्दू बहुल बनाना चाहती है। संसद बॉब ब्लैकमैन ने इन मुस्लिम सांसदों के पत्र पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि कंजर्वेटिव पार्टी को लेबर पार्टी की विभाजनकारी नीति से बचना चाहिए और एकता को बढ़ावा देना चाहिए। बॉब ने सिख, यहूदी व जैन का उदाहरण देते हुए कहा कि अलग-अलग सम्प्रदायों का सम्मान करने का और उन्हें बढ़ावा देने का भारत का पुराना इतिहास रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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