एक कार्यक्रम में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मौजूदगी में खालिस्तान समर्थक नारे लगाए गए। इस दौरान ट्रूडो इन भारत विरोधी नारों पर हँसते रहे और इन्हें रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। ट्रूडो के इस कृत्य की वीडियो सामने आई है। इस वीडियो के जरिए कनाडा सरकार का भारत विरोधी रवैया एक बार फिर जग जाहिर हो गया है।
जानकारी के अनुसार, कनाडा के बड़े शहर टोरंटो में आयोजित खालसा डे सेलेब्रेशन में यह कारनामा हुआ। यह कार्य्रकम सिख संगठनों ने आयोजित किया था। इसमें कनाडा के कई सांसद, टोरंटो की मेयर, कनाडा के विपक्षी दल के नेता पियरे पोलिवर और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो शामिल हुए।
Pro khalistan slogans made in the presence of Canada PM Justin Trudeau at Khalsa Day Celebrations in Sunday. pic.twitter.com/I1aaqhA6uY
— Sidhant Sibal (@sidhant) April 29, 2024
इस कार्यक्रम को सिख संगठनों ने यह आयोजन सिख नव वर्ष को जश्न मनाने के लिए आयोजित किया था। इस कार्यक्रम को पीएम ट्रूडो ने भी संबोधित किया और सिख समुदाय के कनाडा के निर्माण में महत्व को गिनाया तथा उन्हें बधाईयाँ दी। हालाँकि, इस जश्न में भारत विरोधी कलेवर भी रहा।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग खालिस्तानी झंडे लेकर पहुँचे और प्रधानमंत्री ट्रूडो के भाषण के दौरान खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते रहे। इस दौरान ट्रूडो असहाय होकर इन नारेबाजों को देखते रहे। यह वाकया विपक्ष के बड़े नेता पियरे पोलिवर के साथ हुआ।
इस वाकये के बाद पहले से ही तनावपूर्ण दोनों देशों के रिश्तों में और खटास आने की संभावना है। जस्टिन ट्रूडो पर आरोप लगता रहा है कि वह सिख वोटबैंक कि खातिर कनाडा में खालिस्तानियों और भारत विरोधी तत्वों को प्रश्रय दे रहे हैं। भारत ने लगातार ऐसे तत्वों पर कार्रवाई की माँग की है जिसे कनाडा अनसुना करता आया है।
कई खालिस्तानी कनाडा से बैठ कर भारत विरोधी अभियान भी चलाते रहे हैं, यहाँ तक कि जस्टिन ट्रूडो की सरकार में शामिल सांसद जगमीत सिंह भी भारत विरोधी रवैया अपनाता रहा है। उसने भी इस कार्यक्रम में लोगों को संबोधित किया।
गौरतलब है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ही 2023 में भारत पर आरोप लगाया था कि उसके ख़ुफ़िया एजेंसी के एजेंटों ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की। उन्होंने यह आरोप कनाडा की संसद में जड़ा था। हालाँकि, इस आरोप को लेकर उन्होंने कोई सबूत सामने नहीं रखे थे। भारत ने उनके इन आरोपों का कड़ा जवाब दिया था।