Sunday, November 17, 2024
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आतंकी निज्जर की हत्या के विरोध में खालिस्तानियों का Kill India मार्च: मेलबर्न में की पत्रकार से बदसलूकी, लंदन में नहीं मिला जनसमर्थन, कनाडा में करारा जवाब

कनाडा के ब्रैंपटन शहर में खालिस्तान समर्थकों ने भारत माता मंदिर के बाहर भारतीय राजनयिकों की हत्या की धमकी देने वाली तस्वीरें लगा दी थी। इस दौरान खालिस्तान के नारे लगाते हुए भारत में अलग देश की माँग की गई। वहीं, भारतीय समुदाय के लोगों ने कनाडा में इस पर विरोध जताया।

कनाडा में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तान समर्थकों की तरफ से 8 जुलाई 2023 को अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा सहित कई देशों में ‘किल भारत’ (Kill India) रैली आयोजित की गई। हालाँकि, ये मार्च और विरोध प्रदर्शन पूरी तरह विफल हो गए। इनमें भीड़ नहीं जुट पाई और प्रदर्शन पूरी तरह फ्लॉप हो गया।

निज्जर की हत्या के बाद खालिस्तान समर्थकों ने ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त मनप्रीत वोहरा और मेलबर्न में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. सुशील कुमार को धमकी दी थी। इसके बाद खालिस्तान समर्थक 8 जुलाई 2023 को मेलबर्न में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर भारी संख्या में एकत्र हुए।

सेंट किल्डा रोड पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में खालिस्तान समर्थकों ने पत्रकारों के साथ धक्का-मुक्की की। इतना ही नहीं, उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और मौखिक रूप से धमकी भी दी गई। आखिर पुलिस को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा।

Kill India के पोस्टर में खालिस्तानियों ने ऑस्ट्रेलिया में पदस्थापित भारत के शीर्ष राजनयिकों को हरदीप सिंह निज्जर को हत्यारा बताया था और उन्हें पोस्टर पर दिखाया था। ऐसे पोस्टर पर बड़े पैमाने पर सर्कुलेट किया गया था और जगह-जगह लगवाए गए थे। पोस्टर में एके-47 राइफल के साथ ‘किल इंडिया’ लिखा हुआ है।

भारत ने प्रसारित हो रहे पोस्टरों में अपने राजनयिकों को मिल रही धमकियों पर चिंता जताई है। ऑस्ट्रेलिया टुडे के मुताबिक, इस मामले में मेलबर्न में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने विदेश मामलों और व्यापार विभाग (डीएफएटी) और ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस (एएफपी) के अधिकारियों के साथ दो अलग-अलग ब्रीफिंग की है।

निज्जर की 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे स्थित गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) की सूची में खालिस्तानी आतंकवादी के रूप में अंकित था। इसको लेकर दुनिया भर में मार्च निकाला गया था। इसको देखते हुए अमेरिका में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए।

लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थकों द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में सिर्फ 30-40 लोगों ने हिस्सा लिया। रैली में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी और बर्मिंघम में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ. शशांक विक्रम की तस्वीरों के साथ हिंसा भड़काने वाले विवादास्पद पोस्टरों का इस्तेमाल किया गया था।

वहीं, कनाडा के वैंकूवर में भी पिछले महीने एक खालिस्तान समर्थक नेता की हत्या कर दी गई थी। इसके विरोध में दर्जनों लोगों ने टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया।

कनाडा के ब्रैंपटन शहर में खालिस्तान समर्थकों ने भारत माता मंदिर के बाहर भारतीय राजनयिकों की हत्या की धमकी देने वाली तस्वीरें लगा दी थी। इस दौरान खालिस्तान के नारे लगाते हुए भारत में अलग देश की माँग की गई। वहीं, भारतीय समुदाय के लोगों ने कनाडा में इस पर विरोध जताया।

टोरंटो के अलावा, खालिस्तान समर्थकों ने ओटावा में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थक रैली आयोजित की। प्रदर्शनकारी खालिस्तानी झंडे ले रखे थे और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। अपने पोस्टर में उन्होंने भारतीय राजनयिकों को मारने का आह्वान किया था।

बता दें कि सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इस मार्च और विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। निज्जर की हत्या के बाद से पन्नू को अपनी जान का डर सता रहा है और वह अंडरग्राउंड हो गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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