कृषि कानून के विरोध की आड़ में खालिस्तान की माँग सामान्य हो चली है। गणतंत्र दिवस पर पंजाब के किसानों का हिंसात्मक रूप व मनमानी देखने के बाद हर ओर जहाँ पूरे आंदोलन की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में खालिस्तान समर्थकों ने कानून के विरोध में भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन किया और खालिस्तानी झंडे लहराए।
समाचार एजेंसी ANI द्वारा जारी तस्वीरों में देख सकते हैं कि कई लोगों के हाथों में खालिस्तान के झंडे थे। कुछ पर लिखा है कि हम किसान हैं आतंकी नहीं।
United States: Khalistan supporters held a protest outside the Indian embassy in Washington DC in support of protest against farm laws in India. pic.twitter.com/tFFd1391pW
— ANI (@ANI) January 27, 2021
वॉशिंगटन के प्रमुख प्रदर्शनकारियों में से एक, नरेंद्र सिंह ने कृषि कानूनों को ‘भारत के मानव अधिकारों और लोकतंत्र का उल्लंघन’ कहा। वह बोले कि वो लोग हर साल 26 जनवरी को काला दिवस के रूप में मनाते हैं, लेकिन इस साल हम भारत में किसानों के साथ एकजुटता से खड़े हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में खालिस्तानी समर्थक समय-समय पर अपनी ओर से खालिस्तान की माँग करते रहते हैं। 1 माह पहले भारतीय दूतावास के पास महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर खालिस्तान का झंडा लहराया गया था। जिसे देख इस बार दूतावास और गाँधी मूर्ति के चारों ओर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
यदि भारत में 26 जनवरी को हुई अराजकता पर बात करें तो मालूम हो कि गणतंत्र दिवस पर कथित किसानों के हिंसक प्रदर्शन के कारण 153 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। इनमें से 2 आईसीयू में भर्ती हैं। पुलिस ने कल की घटना के संबंध में 7 एफआईआर दर्ज की हैं।
वहीं दिल्ली की सीमाओं पर अब अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शाम को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर, केंद्रीय गृह सचिव और IB के चीफ से मुलाकात कर स्थिति की समीक्षा की।
केंद्रीय गृह मंत्रालय पूरे घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहा है। ITO, नांगलोई कर गाजीपुर में अधिक संख्या में जवानों की तैनाती होगी। 10 CRPF की कंपनियाँ और 5 अन्य सशस्त्र बलों की कंपनियाँ दिल्ली के लिए रवाना हो गई हैं।