Thursday, November 14, 2024
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‘समोसा’ के बाद अब अमेरिकी संसद में ‘हिंदू कॉकस’: जानिए क्या है ये, कैसे करेगा सनातन हितों की रक्षा

इस कॉकस के माध्यम से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और अमेरिका तथा नीदरलैंड के हिंदुओं का प्रतिनिधित्व किया जाएगा। हिंदुओं के साथ-साथ सिख, जैन और बौद्ध अनुयायियों के हितों की वकालत भी की जाएगी।

अमेरिकी संसद के भारतीय मूल के प्रतिनिधियों का एक समूह समोसा कॉकस (Samosa Caucus) कहलाता है। यह समूह भारत से जुड़े मुद्दे संसद में उठाता है। अब अमेरिकी संसद में हिंदू कॉकस (Hindu caucus) बना है। सांसदों का यह समूह हिंदू हितों की रक्षा के लिए काम करेगा।

यह समूह अमेरिकी संसद में ऐसे कानूनों के लिए जोर लगाएगा जो हिंदुओं के लिए लाभप्रद होंगे। इस कॉकस की अब आधिकारिक घोषणा हो गई है। अमेरिकी संसद के संदर्भ में कॉकस सांसदों के ऐसे समूह को कहा जाता है जो समान हितों के लिए साथ आते हैं। ये सांसद इन हितों के पूर्ति कानूनी तरीके से करने के लिए ‘कॉकस’ का गठन करते हैं। इन कॉकस में अलग-अलग पार्टियों के सदस्य भी होते हैं। एक तरह से यह एक ‘दबाव समूह’ के तौर पर काम करते हैं।

कॉकस के सदस्य एक साथ मिल कर संसद में ऐसे कानूनों को लाते हैं जो उनके उन हितों को कानूनी रूप से लाभ पहुँचा सकें जिसके लिए इसका गठन किया जाता है। यह कॉकस किसी भी आधार पर गठित किए जा सकते हैं। इनका लक्ष्य अपनी विदेश नीति, धार्मिक समूह, नस्लीय समूह या अपने हितों वाले समूहों के लिए अधिक से अधिक समर्थन जुटाना होता है।

हिंदू कॉकस के गठन के लिए काफी समय से प्रयास चल रहे थे। हाल ही में भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने भी इसकी वकालत की थी। अब अमेरिकी सांसद पीट सेशंस और एलिसी स्टेफनिक ने हिंदू कॉकस के गठन की आधिकारिक घोषणा की है।

इस कॉकस की अध्यक्ष अध्यक्ष एलिसी स्टेफनिक ही हैं। उनकी अध्यक्षता में यह कॉकस अमेरिकी हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करेगा। साथ ही यह भारतीय-अमेरिकी हिंदू समुदाय के मूल्यों को आगे बढ़ाएगा।

इस हिन्दू कॉकस के माध्यम से भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, भूटान और अमेरिका तथा नीदरलैंड के हिंदुओं का प्रतिनिधित्व किया जाएगा। इस कॉकस के माध्यम से मात्र हिंदू ही नहीं बल्कि सिख, जैन और बौद्ध अनुयायियों के हितों की वकालत भी की जाएगी।

यह कॉकस खुले व्यापार, सरकार के कम हस्तक्षेप, खर्चे में सूझबूझ और पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने तथा तानाशाही का विरोध करने वाली विदेश नीति का पक्षधर होगा। कॉकस में स्टेफनिक के अलावा अन्य कई सदस्य भी शामिल हैं।

इसके गठन के मौके पर सांसद पीट सेशंस ने कहा, “कॉन्ग्रेस में हिंदू कॉकस का गठन हमारे देश की राजधानी में हिंदू-अमेरिकी समुदाय की आवाज को पहचानने और बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम उनकी चिंताओं को दूर करने, उनके योगदान को प्रदर्शित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि उनकी सोच को सरकार के सबसे ऊँचे स्तर तक आवाज मिले।”

गौरतलब है कि अमेरिका में लगभग 35 लाख हिंदू रहते हैं। इनमें से अधिकांश भारतीय या भारतीय मूल के हैं। अन्य कई देशों से आए हिंदू भी अमेरिका में रहते हैं। अमेरिकी हिंदू कुल जनसंख्या का लगभग 1% हैं। यह अमेरिका का एक प्रभावशाली वर्ग है।

अमेरिका के सबसे अधिक पढ़े-लिखे धार्मिक समूह में से अमेरिकी हिंदू हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के एक शोध के अनुसार, अमेरिका में रहने वाले 77% हिंदू स्नातक हैं। यह किसी भी अन्य धार्मिक समूह से अधिक है। अमेरिका में कमाई के हिसाब से भी हिंदू सर्वोच्च कमाने वालों में से एक हैं। वह किसी भी औसत अमेरिकी परिवार से अधिक कमाते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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