मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने बीफ खाने के लिए गायों को पालना शुरू किया है। हाल में उन्होंने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दी। पोस्ट देख कयास लगने लगे कि शायद ये उनका नया बिजनेस प्लान हो क्योंकि उन्होंने दावा किया है कि उनका मकसद दुनिया का सबसे बेहतर बीफ बनाना है।
उन्होंने बताया कि उन्होंने हवाई द्वीप के ‘काउआई आइलैंड’ हिस्से में अपना फार्म खोला है, जिसका नाम ‘कोलाऊ रैंच’ है। यहाँ वह जापानी और स्कॉटिश नस्लों के गायें पाल रहे हैं। इन्हें खाने में बीयर और मैकाडामिया मेवे वाला भोजन दिया जाता है।
9 जनवरी 2024 को लिखे अपने पोस्ट में उन्होंने कहा, “मेरा मकसद दुनिया में सबसे उच्च गुणवत्ता वाला गोमांस बनाना है। मवेशी वाग्यू और एंगस हैं और ये मैकाडामिया मील खाकर और बीयर पीते हुए बड़े होंगे। इसे हम यहाँ खेत में उगाते और पैदा करते हैं। हम चाहते हैं कि पूरी प्रक्रिया स्थानीय और पूरी तरह से एक हो।”
उन्होंने आगे कहा, “हर गाय हर साल 5000-10000 पाउंड भोजन खाती है इसके लिए कई एकड़ में मैकाडामिया के पेड़ लगाने होंगे। मेरी बेटियाँ मैक के पेड़ लगाने और हमारे कई जानवरों की देखभाल में मदद करती हैं। हम अभी भी सफर के शुरुआती दौर में हैं और हर सीज़न में इसमें सुधार करना मज़ेदार है। मेरे सभी प्रोजेक्ट में ये सबसे स्वादिष्ट है।”
जुकरबर्ग ने बताया है कि उनका ये खेत तैयार होने की प्रकिया पहले चरण में है। ये उनका फैमिली प्रोजेक्ट है। उनकी बेटियों ने 1400 एकड़ में फैले खेत पर कई मैकाडामिया पेड़ लगाए हैं।
बताते चलें कि मैकाडामिया एक तरह का मेवा पैदा करता है जिसे मार्क गायों को खिलाएँगे और फिर उन्हीं गायों का बीफ बनाएँगे।
पेटा ने दी मार्क जुकरबर्ग को नसीहत- टेक्नॉलजी पर ध्यान दो
मार्क के इस पोस्ट के बाद उनके पोस्ट पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ आईं हैं। पेटा ने इस पोस्ट को देख लिखा- “तुम टेक्नॉलजी से ही जुड़े रहो। ये प्रोजेक्ट जानवरों को मार रहा है और आपके बच्चों को भी सदमा देगा। करने के लिए कई अन्य प्रोडक्टिव काम है। जैसे नए शाकाहारी खाद्य पदार्थ बनाना जो जानवरों को बचाते हैं, ग्रह की मदद करते हैं और मानव स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।
जुकरबर्ग के इस पोस्ट को देखने के बाद कई भारतीयों ने मेटा को बॉयकॉट करने की बात कही।
वहीं कुछ यूजर थे जिन्हें ये पोस्ट देख बहुत आनंद आया। एक मुस्लिम यूजर ने उन्हें कहा, “इसे हलाल सर्टिफाइड रखना, तो ज्यादा स्वादिष्ट होगा”
वहीं कुछ लोगों ने जुकरबर्ग के इस ऐलान पर कहा कि वह ऐसे लोगों का मखौल उड़ा रहे हैं जो अपनी जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ हैं या फिर वेजिटेरियन हैं। यूजर्स ने उन्हें कहा कि वो ये काम छोड़कर कुछ और कर लें क्योंकि गायों को मारना ठीक नहीं है। भारत में इनकी पूजा होती है।