जम्मू-कश्मीर के मसले पर भारत का समर्थन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की सराहना की है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अलग-थलग पड़े रहने के कारण वहॉं के युवा भटक कर कट्टरपंथी बन गए और हिंसा तथा आतंकवाद की राह पर चल पड़े। यही कारण है कि राज्य का विशेष दर्जा समाप्त किया गया है।
मोदी ने इसे भारत का आंतरिक मसला बताते हुए कहा कि इस संबंध में फैसला पूरी तरह लोकतांत्रिक, पारदर्शी और संवैधानिक तरीके से लिया गया। वे तीन देशों की यात्रा के दूसरे पड़ाव पर यूएई पहुॅंचे थे।
खलीज टाइम्स को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने जम्मू कश्मीर के अलग-थलग पड़े रहने की स्थिति को खत्म करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किया। उन्होंने कहा, “अलग-थलग पड़े रहने की इस स्थिति से कुछ युवा पथ से भटक गए, कट्टरपंथी बन गए और हिंसा तथा आतंकवाद के रास्ते पर चल पड़े।”
उन्होंने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए भारत के फैसले को लेकर यूएई और उसके नेतृत्व ने जिस तरह की समझ दिखाई उसकी मैं सराहना करता हूॅं।
मोदी ने शनिवार को अबू धाबी के शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से वार्ता की। संयुक्त अरब अमीरात ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत के फैसले का समर्थन किया है।
भारत में खाड़ी देश के राजदूत अहमद अल बन्ना ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित भारत के फैसलों को यूएई उसका आंतरिक मामला मानता है।
My interview with @khaleejtimes covers a wide range of subjects including the strong ties between India and UAE, the series of pro-people efforts undertaken in the last 75 days and more. Do read… https://t.co/ACHCyco9ul
— Narendra Modi (@narendramodi) August 24, 2019
आतंकवाद पर मोदी ने कहा, “भारत चार दशकों से सीमा पार से आतंकवाद से पीड़ित रहा है। भारत और यूएई दोनों का यह सुनिश्चित करने में साझा हित है कि किसी भी तरीके से आतंकवाद को पनाह देने या उसे बढ़ावा देने वाली मानवता विरोधी ताकतें अपनी विध्वंसकारी नीतियां छोड़ने पर विवश हो।” उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत कदमों का समर्थन किया है।