Monday, November 18, 2024
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10-11 साल की काफिर लड़कियाँ मांस का टुकड़ा, सेक्स-रेप कर वेश्या बना दो: 200 का लव जिहाद-1000 शिकार, रेप हाउस भी बना रखा था

टेलफोर्ड में चल रहे स्कैंडल का खुलासा सबसे पहल संडे मिरर ने किया था। साल 2018 में उन्होंने 18 महीने की पड़ताल के बाद यह दावा किया था कि 1980 के दौर से शहर में बच्चियों का शोषण हो रहा है।

इंग्लैंड के टेलफोर्ड शहर में दशकों से हो रहे हजारों बच्चों के यौन शोषण का खुलासा हुआ है। पड़ताल में सामने आया है कि यहाँ पीड़िताओं से गैंगरेप, उनके कम उम्र में प्रेगनेंट होने के केस और धमकी दिए जाने के कई मामले मिले हैं।

मिरर की रिपोर्ट बताती है कि पड़ताल के दौरान एक ‘रेप हाउस’ के बारे में भी पता चला है जिसे सालों से चलाया जा रहा था। यहाँ पीड़िताओं के साथ वेश्याओं जैसा बर्ताव होता था।

जाँचकर्ता टॉम क्राउथर ने शहर में चल रहे ऐसे घृणित अपराध के लिए पुलिस के रवैये और निगम अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि शहर में बच्चों के खिलाफ चल रही यौन हिंसा को नकारा गया और आरोपितों को सजा देने की बजाए बच्चों को दोषी बताया गया।

बता दें कि टेलफोर्ड में चल रहे स्कैंडल का खुलासा सबसे पहल संडे मिरर ने किया था। साल 2018 में उन्होंने 18 महीने की पड़ताल के बाद यह दावा किया था कि 1980 के दौर से शहर में बच्चियों का शोषण हो रहा है।

इस पड़ताल के नतीजों पर संज्ञान लेते हुए टेलफोर्ड और रेकिन काउंसिल ने जाँच करवाई, जिसका जिम्मा टॉम क्राउथर को दिया गया। उन्होंने जाँच में पाया कि वाकई सालों से शहर में बच्चों पर अत्याचार हो रहे है। हर पीड़ित का यही कहना है कि जब वो बच्चे थे तो उम्र में बड़े पुरुषों ने पहले उनका विश्वास जीता और फिर उसे तार-तार किया। पीड़िताओं के अनुसार, वह पुरुष उन्हें एक सेक्स वस्तु से ज्यादा कुछ नहीं मानते थे। 11-12 साल की बच्चियों से गन प्वाइंट पर रेप होते थे, उन्हें पीटा जाता था, बेचा जाता था।

क्राउथर कहते हैं कि शहर में सालों स अनगिनत बच्चों को सताया गया, उनका रेप हुआ, उन्हें अपमानित किया गया, दूसरों के साथ उन्हें बाँटा गया और उनकी तस्करी तक हुई। लेकिन पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसके उलट जिन लोगों ने इस मुद्दे को उठाना चाहा उन्हें बुरी तरह दबा दिया गया और पीड़िताओं को और उनके परिजनों को धमकाया जाता रहा।

जाँच के दौरान कई पीड़िताओं को सुना गया जिनमें कुछ ने बताया कि 1970 के दौर में भी उन्हें निशाना बनाया गया था। इसके अलावा पुराने अखबार खंगाले गए। इनसे पता चला कि ये बच्चों के विरुद्ध होने वाली हिंसा आज की बात नहीं है।

सालों से बच्चों को वेश्यावृत्ति में ढकेला जाता रहा जिस पर 90 के दौर में चिंता जताई गई। हालाँकि अधिकारियों ने मामले पर संज्ञान नहीं लिया। एक अखबार की कटिंग का हवाला देकर कहा गया कि उस समय में टेलीफोन बॉक्स का इस्तेमाल बच्चियों को उठाने का पिक-अप प्वॉइंट हुआ करता था। फिर भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं थी।

थोड़े बहुत जो हालात बदले वो 2000 के बाद बदले। 2010 में ऑपरेशन चालिस हुआ और 100 पीड़ित चिह्नित किए गए और 200 आरोपित ढूँढे गए। हालाँकि इनमें से जो जेल गए वो सिर्फ 7 थे। इनमें से एक पर आरोप था कि उसने एक लाचार लड़की को मांस के टुकड़े की तरह बाँटा, और सेक्स के लिए बेचता रहा, उसका रेप करवाता रहा। अब इस मामले में वेस्ट मरसिया की पुलिस और टेलफोर्ड काउंसिल ने इस तरह के स्कैंडल के लिए पीड़ितों से माफी माँगी है।

पीड़िताओं को उतरा गया मौत के घाट

बता दें कि 4 साल पहले संडे मिरर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया था कि 40 साल पुराने इस स्कैंडल की पीड़िताओं की किस तरह मौतें हुईं। 16 साल की लूसी लो को 2000 में उनकी माँ-बहन के साथ अजहर अली द्वारा जिंदा जला कर मार दिया गया। लूसी वो पीड़िता थी जिसे कैबी महमूद ने 1997 में अपना शिकार बनाया था और मात्र 14 साल की उम्र में उसने एक बेटी को जन्म दिया था।

इसके बाद बेकी वॉटसन की भी मौत 2003 में एक कार एक्सिडेंट में हुई थी। अजीब बात यह थी कि बेकी का भी 2 साल पहले से शोषण हो रहा था, उस समय वह केवल 11 की थी। बेकी की तरह ही उसके दोस्त विकी को भी इसी गैंग ने अपना निशाना बनाया था। विकी की जब मौत हुई तब वह मात्र 20 साल की थीं। उनके परिजनों का मानना था कि अगर विकी को इतने बुरे ढंग से कभी न सताया गया होता तो शायद वो अब तक सबके साथ होंती।

गौरतलब है कि ग्रूमिंग गैंग द्वारा ब्रिटेन में छोटे बच्चों के खिलाफ किए जाने वाले कोई नई बात नहीं है। एक रिपोर्ट के अनुसार,  पिछले 40 वर्षों में अकेले ब्रिटेन में करीब 5 लाख लड़कियों का बलात्कार किया गया, उनमें से अधिकतर गोरे हैं और उन्हें शिकार बनाने वाले मुख्य रूप से एशियाई मुस्लिम हैं, जो बलात्कार के दौरान गोरों को गंदी गाली देते हैं और उन्हें वेश्या कहकर भी बुलाते हैं।

ग्रूमिंग गैंग के हैवानों की गिरफ्तारी

अधिकारियों का ग्रूमिंग गैंग की जाँच पर मानना है कि देश भर में 200 लोग हैं जो इन सबसे जुड़े हैं लेकिन गिरफ्तार 7 हुए हैं। इनमें एहदल अली जो इस गैंग का सरगना माना जाता है उसको 2019 में 26 साल सजा हुई है जबकि मुबारक अली को 22 साल। इनके अलावा मोहम्मद अली सुलतान, तनवीर अहमद, इस्लाम चौधरी, महरूफ खान, मो युनूस आदि भी पकड़े गए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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