Monday, September 9, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'जिहाद का बचाव बर्दाश्त नहीं': इमाम ने ईसाइयों और यहूदियों के खिलाफ उगला ज़हर...

‘जिहाद का बचाव बर्दाश्त नहीं’: इमाम ने ईसाइयों और यहूदियों के खिलाफ उगला ज़हर तो फ्रांस ने मस्जिद पर ही जड़ दिया ताला

इमाम पर आरोप है कि वो अपने भाषणों में लगातार ईसाइयों और यहूदियों को निशान बनाता है। साथ ही वो समलैंगिक समुदाय के खिलाफ भी लोगों को भड़काता है।

फ्रांस (France) के गृह मंत्री ने वहाँ के एक मस्जिद (Mosque) को 6 महीने के लिए बंद (Shut) रखने का ऐलान किया है। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहाँ की सरकार का कहना है कि इमाम द्वारा कट्टरपंथी मजहबी भाषण को रोकने के लिए ऐसा किया जा रहा है। ये मामला फ्रांस की राजधानी पेरिस से 100 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर में स्थित बिउवेस (Beauvais) शहर का है, जिसकी जनसंख्या 50,000 के करीब है। सरकार ने कहा कि वहाँ के मस्जिद का इमाम जिस प्रकार का भाषण (Islamic Sermon) दे रहा है, वो अस्वीकार्य है।

इमाम पर आरोप है कि वो अपने भाषणों में लगातार ईसाइयों और यहूदियों को निशान बनाता है। साथ ही वो समलैंगिक समुदाय के खिलाफ भी लोगों को भड़काता है। फ्रांस के जिस ओसे (Oise) क्षेत्र में ये शहर स्थित है, वहाँ के प्रशासन ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि उक्त मस्जिद द्वारा जिस तरह से हिंसा और घृणा को बढ़ावा देने के साथ-साथ ‘जिहाद’ का बचाव करने वाले मजहबी भाषण दिए जा रहे हैं, उस कारण उसे बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

इस सम्बन्ध में दिसंबर 2021 की शुरुआत में ही पूरी योजना के साथ एक पात्र भेज दिया गया था। लेकिन, कार्रवाई करने से पहले वहाँ 10 दिनों की अवधि की अनिवार्यता है, जिस दौरान सूचनाएँ इकट्ठी की जाती हैं। उस मस्जिद का इमाम हाल ही में इस्लाम में धर्मांतरित हुआ है। मस्जिद प्रबंधन ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कहा है कि मौलवी के बयान को सन्दर्भ से हट कर लिया गया। फ़िलहाल उस इमाम को निलंबित रखा गया है। फ्रांस में पिछले डेढ़ साल में कई मस्जिद और मदरसों पर कार्रवाई हुई है।

जिस तरह से वहाँ इस्लामी कट्टरता बढ़ रही है और शिक्षक सैमुअल पैटी की पैगम्बर मोहम्मद के अपमान के आरोप में गला रेत कर हत्या कर दी गई, उसके बाद से लगातार फ्रांस की सरकार इस्लामी कट्टरवाद को लेकर सख्त है। अक्टूबर 2020 की इस घटना के बाद जब फ्रांस ने कार्रवाई शुरू की, तभी से वो अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और इस्लामी मुल्कों की आलोचना का शिकार बना हुआ है। फ्रांस में भी मुस्लिम समुदाय सड़कों पर उतर कर समय-समय पर विरोध प्रदर्शन करता रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

गैस सिलेंडर, माचिस-बारूद, पेट्रोल की बोतल… कानपुर में ट्रेन हादसे की पूरी स्क्रिप्ट थी तैयार, इमरजेंसी ब्रेक ने बचाया: रेलवे लाइन पर साजिश किसकी?

कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस पटरी पर रखे गए LPG से सिलेंडर से टकराई और रुक गई। इस हादसे में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।

राहुल गाँधी और MK स्टालिन पहले से अमेरिका में, अब DK शिवकुमार ‘निजी यात्रा’ पर हो रहे रवाना: ओवैसी और अब्दुल्ला से मिल चुके...

बकौल डी के शिवकुमार, यह यात्रा पूरी तरह से निजी और पारिवारिक है जिसका किसी विभागीय टूर या राजनैतिक उद्देश्य से कोई भी लेना-देना नहीं है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -