दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका में स्थित मोज़ाम्बिक के उत्तरी हिस्से में पिछले सप्ताह हुए आतंकी हमले के बाद वहाँ के कई कारोबारियों ने क्षेत्र से भागने में ही अपनी भलाई समझी है। ये घटना पाल्मा इलाके में हुई, जहाँ बड़ी संख्या में आतंकियों ने एक छोटे से पोर्ट पर कब्ज़ा कर लिया और आसपास के क्षेत्रों में तबाही मचाई। स्थानीय पुलिस और सेना ने अधिकतर इलाके पर फिर से नियंत्रण कर लिया है। ISIS ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
हमले में 55 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर सुरक्षा बलों के जवान हैं। मुख्यतः ईसाइयों को निशाना बनाया गया। आधिकारिक इमारतों और बैंकों को तबाह कर दिया गया। ISIS ने कहा है कि ये सुरक्षा बल और ईसाई लोग ‘दमनकारी देशों’ से सम्बन्ध रखते थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़कें सिर कटी लाशों से पटी हुई थी, जबकि सरकार आधिकारिक रूप से मौतों का आँकड़ा मात्र 7 दे रही है। पाल्मा प्राकृतिक गैस संपन्न क्षेत्र है।
यही कारण है कि यहाँ कई विदेशी कंपनियाँ कार्य करती हैं। यहाँ के कलबो देलगादो इलाके में 60 बिलियन डॉलर (4.37 लाख करोड़ रुपए) का नेचुरल गैस मौजूद है। कई लोग वहाँ से भागते हुए मारे गए। हेलीकॉप्टर और नावों की मदद से हजारों लोगों को वहाँ से निकाला गया। हजारों लोगों ने 50 किलोमीटर पैदल भाग कर अपनी जान बचाई। संचार व्यवस्था भी ठप्प है।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि 60 लोग अभी लापता हैं। इनमें से अधिकतर विदेशी हैं। कई अब भी आतंकियों के डर से आसपास के जंगलों में छिपे हुए हैं। एक दक्षिण अफ़्रीकी कारोबारी का कहना है कि इतना सब कुछ होने का अर्थ है कि आतंकियों के ख़ुफ़िया सूत्र सरकार से ज्यादा सक्षम हैं। फ्रांस की एनर्जी कंपनी ‘Total’ वहाँ सक्रिय है, इसलिए कई बिलियन डॉलर के प्राकृतिक संसाधन के दोहन के लिए वहाँ कई कंपनियाँ सक्रिय हैं।
ISIS-linked militants seize Mozambique town, forcing thousands to flee, including workers on major gas project https://t.co/8fA0zJMkaO
— CBS News (@CBSNews) March 29, 2021
आतंकी पहले से ही इलाके में घुस गए थे और छिपे हुए थे। इनमें से कई पुलिस व सेना की वर्दी में थे। इन्होंने काफी योजनाबद्ध तरीके से पुलिस व सेना के कैंपों को निशाना बनाया गया, सरकारी इमारतों पर हमले हुए और दो बैंकों को लूट लिया गया। उस क्षेत्र में चल रहे विद्रोह में अब तक 3 सालों में 2600 लोग मारे गए हैं और 6.7 लाख विस्थापित हुए हैं। इन सबके पीछे ‘Ahlus Sunnah wal Jamaah (ASWJ)’ संस्था का हाथ है, जो ISIS से सम्बद्ध है।
अमरूला नामक होटल में 200 से अधिक मजदूर फँसे हुए थे। इस तरह शहर के कई होटलों में कर्मचारी व मजदूर फँस गए थे। मोर्टार और मशीनगन से उन पर गोले दागे जा रहे थे। नवंबर 2020 में आतंकियों द्वारा मोजाम्बिक में 50 से अधिक लोगों के सर कलम किए जाने की खबर आई थी। 2017 से ही वहाँ इस तरह के हमले जारी हैं। ये मुख्यतः मुस्लिमों की बहुलता वाला प्रान्त है। यहाँ अधिकतर लोग गरीब और बेरोजगार हैं।