अफ्रीकी देश नाइजीरिया (Nigeria) के उत्तरी राज्य कानो (Northern State of Kano) के हाई कोर्ट ने एक मुबारक बाला (Mubarak Bala) नाम के एक नास्तिक को इस्लाम की ईशनिंदा का दोषी ठहराते हुए मंगलवार (5 अप्रैल, 2022) को 24 साल की सजा सुनाई। ‘ह्यूमनिस्ट एसोसिएशन ऑफ नाइजीरिया (Humanist Association of Nigeria)’ के 37 वर्षीय अध्यक्ष मुबारक बाला पर इस्लाम और उनके पैगंबर मुहम्मद की आलोचना करने वाले फेसबुक पोस्ट लिखने समेत 18 आरोपों के लिए दोषी ठहराया गया है।
कानो स्थित हाई कोर्ट के न्यायाधीश फारुक लॉन ने कहा, “अदालत ने मुहम्मद मुबारक बाला को 24 साल की सजा सुनाई है।” रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2020 को हिरासत में लिए गए नाइजीरियाई नास्तिक बाला के खिलाफ मुस्लिमों के एक समूह ने सोशल मीडिया पर इस्लाम के बारे में आपत्तिजनक संदेश पोस्ट करने का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की थी। कानो में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं। यह उत्तरी नाइजीरिया के लगभग एक दर्जन राज्यों में से एक है, जहाँ धर्मनिरपेक्ष कानूनों के साथ-साथ इस्लामी कानून यानी शरिया का पालन किया जाता है।
बताया जा रहा है कि अगर बाला पर इस्लामी कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता, तो उन्हें मौत सजा हो सकती थी, क्योंकि इस्लामी कानून में बेहद कठोर सजा देने का प्रावधान है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों ने उन्हें हिरासत में लेने की कड़ी निंदा करते हुए उनकी रिहाई की माँग की है।
बाला ने 2014 में इस्लाम मजहब को त्याग दिया था और अल्लाह की इबादत करना बंद कर दिया था, जिसके बाद बाला के परिवार ने उन्हें जबरन 18 दिनों के लिए एक मनोरोग विभाग में भर्ती कराया था। उन्हें 2020 में पड़ोसी देश कडुना से गिरफ्तार किया गया था उसके बाद उन्हें कानो लाया गया, तब से वह पुलिस हिरासत में हैं।
बता दें कि कानो में एक मुस्लिम परिवार में जन्मे और पेशे से एक इंजीनियर बाला ने बताया था कि उन्होंने 2013 में एक ईसाई महिला का सिर काटने का वीडियो देखने के बाद इस्लाम मजहब को छोड़कर नास्तिक बनना स्वीकार किया। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के अनुसार, उन्हें गिरफ्तार करने की बड़ी वजह पैगंबर मुहम्मद को ‘आतंकवादी’ कहने वाली उनकी फेसबुक पोस्ट थी, जिसको लेकर वकीलों के एक समूह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। मालूम हो कि नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे अधिक आबादी वाला देश है। इसके उत्तर में मुस्लिम और दक्षिण में ईसाई बहुसंख्यक आबादी है।