Sunday, December 22, 2024
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जिस देश में कुरान जलाए जाएँगे, उन पर हमला कर मुस्लिम खुद दें सजा: मुहर्रम के मातम पर हिजबुल्ला सरगना नसरल्लाह का आतंकी पैगाम

"कुरान जलाने पर यदि इस्लामी देश बदला नहीं लेते, तो दुनिया के बहादुर और युवा मुस्लिम जिम्मेदारी से काम करने तथा अपने मजहब की रक्षा करने के लिए कुरान का अपमान करने और जलाने वालों को दंडित करने के लिए तैयार रहें।"

स्वीडन और डेनमार्क में कुरान जलाए जाने की घटना की कई इस्लामिक देशों ने निंदा की थी। शायद वो कम था लेकिन। अब लेबनान के इस्लामी आतंकवादी संगठन हिजबुल्ला के सरगना हसन नसरल्लाह ने मुस्लिमों को हिंसा के लिए उकसाने वाला बयान दिया है। नसरल्लाह ने कहा है कि यदि इस्लामी देशों की सरकारें कुरान का अपमान करने की अनुमति देने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती हैं, तो मुस्लिमों को उन पर हमला कर उन्हें सजा देनी चाहिए।

दरअसल, लेबनान की राजधानी बेरूत में हजारों की तादात में मुस्लिम इकट्ठा होकर मुहर्रम का मातम मना रहे थे। इसी दौरान एक टीवी कार्यक्रम में हसन नसरल्लाह ने कहा, “स्वीडन और डेनमार्क को यह जानना होगा कि हमारा देश कुरान और पवित्र चीजों का अपमान बर्दाश्त नहीं करता है। कुरान के अपमान को लेकर हम इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सख्त रुख का इंतजार कर रहे हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तो यह संगठन हमारे मजहब की रक्षा करने के लायक नहीं रहेगा।”

नसरल्लाह ने आगे कहा है कि इस्लामिक देशों और उनके विदेश मंत्रियों को स्वीडन और डेनमार्क में इस्लाम पर बार-बार होने वाले हमलों के खिलाफ कदम उठाना चाहिए। साथ ही निर्णायक और स्पष्ट संदेश भेजना चाहिए कि यदि इस्लाम पर एक और बार हमला होगा तो उसका जवाब कूटनीतिक तरीके से आर्थिक बहिष्कार कर दिया जाएगा।

हिजबुल्ला के आतंकी नसरल्लाह ने यह भी कहा है, “यदि इस्लामिक देश ऐसा नहीं करते हैं, तो दुनिया के बहादुर और युवा मुस्लिम जिम्मेदारी से काम करने तथा अपने मजहब की रक्षा करने के लिए कुरान का अपमान करने और जलाने वालों को दंडित करने के लिए तैयार रहें। अगर सरकारें इस्लाम पर हो रहे इन हमलों को नहीं रोकतीं तो दुनिया के सभी मुस्लिम बदनाम हो जाएँगें।”

बता दें कि यूरोपीय देश स्वीडन और डेनमार्क में आए दिन कुरान जलाए जाने की घटना सामने आ रही हैं। इसका कई इस्लामिक देश विरोध करते हुए दोनों देशों की सरकारों से रोक लगाने व कार्रवाई करने की माँग कर चुके हैं। हालाँकि स्वीडन और डेनमार्क दोनों ही देशों का कहना है कि वह देश के कानून के चलते कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं।

दरअसल, स्वीडन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर मजबूत कानून है। इसके तहत ही लोग वहाँ कुरान जला रहे हैं। यही हाल डेनमार्क का भी है। दोनों देश कुरान जलाए जाने की घटना की निंदा तो कर सकते हैं लेकिन कुरान जलाने वालों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर सकते।

OIC ने बुलाई बैठक

बता दें कि स्वीडन और डेनमार्क में कुरान जलाए जाने की घटनाओं पर चर्चा के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने सोमवार (31 जुलाई, 2023) को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में शामिल होने के लिए इस्लामिक देशों के विदेश मंत्रियों को बुलावा भेजा गया है। नसरल्लाह हसन ने अपने बयान में इसी बैठक का जिक्र किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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