राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहे नेपाल में संवैधानिक राजतंत्र और हिंदू राष्ट्र की माँग जोर पकड़ रही है। इसके समर्थन में राजधानी काठमांडू की सड़कों पर मार्च निकाला गया। पूर्व उपप्रधानमंत्री कमल थापा ने संवैधानिक राजतंत्र (Constitutional Monarchy) बहाल करने और नेपाल को पुनः हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की माँग की है। उन्होंने माँग पूरी नहीं होने पर बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
काठमाण्डौमा राप्रपाको बृहद जनप्रदर्शन भव्यताका साथ सम्पन्न।
— Kamal Thapa (@KTnepal) January 1, 2021
विगत १४ बर्षको अनुभवको आधारमा गणतन्त्र,धर्मनिरपेक्षता र संघियतावारे पुनर्विचार गरौं।राजसंस्थासहितको लोकतन्त्र,सनातन हिन्दुराष्ट्र र स्थानिय स्वायत्त शासन प्रणाली पुनर्स्थापना गर्न सर्वपक्षिय सम्मेलन गर्न माग गर्दछु। pic.twitter.com/ofQfQuDNek
शुक्रवार (1 जनवरी 2020) को एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कमल थापा ने कहा, “शुरुआत में यह सिर्फ हमारा एजेंडा था। लेकिन अब जनता भी इस मुद्दे पर आगे आई है। चाहे लोग इसकी बहाली चाहते हों या नहीं लेकिन वे इसकी बात ज़रूर कर रहे हैं। इस बात को मद्देनज़र रखते हुए सभी राजनीतिक दलों को इस पर विमर्श करने के लिए बैठक करनी चाहिए।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ कमल थापा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नेपाल को पुनः हिन्दू राष्ट्र का दर्जा दिलाने के लिए वे और उनके कार्यकर्ता मरने और मारने को तैयार हैं।
थापा ने कहा, “अन्य राजनीतिक दल संसद के भंग होने की गम्भीरता नहीं समझ कर देश को अंधकार की तरफ ले जा रहे हैं। हाल ही में भारत और चीन के तमाम दिग्गज अधिकारी सत्ताधारी दल में जारी समस्या का हल निकालने के लिए नेपाल आए थे। हम दूसरों को यह तय करने का मौक़ा नहीं दे सकते हैं कि हमें क्या करना चाहिए।”
Nepal: People held demonstration in Kathmandu, demanding constitutional monarchy, earlier today. pic.twitter.com/P6Dn8StRiJ
— ANI (@ANI) January 1, 2021
नेपाल में राजतंत्र समर्थित आंदोलन
नेपाल में दिसंबर 2020 की शुरुआत से ही हिन्दू राष्ट्र और राजतंत्र दोबारा स्थापित करने के लिए प्रदर्शन जारी है। इन प्रदर्शनों में “देश को बचाने के लिए राजतंत्र वापस लाना होगा”, “पार्टी से ऊपर देश” और “राजा, वापस आओ और देश को बचाओ” जैसे नारे लगाए गए थे। इन प्रदर्शनों को राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, राजशाही समूहों (royalist groups) और राजतंत्र समर्थक नागरिकों का समर्थन प्राप्त है। नेपाल के गृह मंत्रालय ने 77 जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर ऐसे प्रदर्शनों को ख़त्म करने को कहा है भले इसके लिए बल का प्रयोग क्यों न करना पड़े।