उत्तर कोरिया और उसका तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong) अजीबोगरीब फरमानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है। अब फरमान बच्चों के नाम को लेकर आया है। इसके तहत बच्चों के नाम के लिए वे कोरियाई शब्द तय किए गए हैं जिनका अर्थ बम, बंदूक, सैटेलाइट वगैरह है। कहा गया है कि बच्चों के नाम नाजुक होने की जगह सख्त होने चाहिए और उससे देशभक्ति की झलक मिलनी चाहिए।
बच्चों के चोंग इल (बंदूक), चुंग सिम (वफादारी), पोक इल (बम) और यूआई सॉन्ग (सैटेलाइट) जैसे नाम रखने के आदेश दिए गए हैं। वे हैं-देशभक्ति वाले नाम रखने को कहा है। साथ ही दक्षिण कोरिया में ए आरई (प्यार करने वाला) और सु एमआई (सुपर ब्यूटी) जैसे प्रचलित नाम जिनसे प्यार, सुंदरता जैसे भावनाओं का प्रकटीकरण होता है उनको बदलने के भी आदेश दिए गए हैं। किम जोंग के मुताबिक ये नाम पश्चिमी संस्कृति से प्रेरित हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवंबर 2022 से ही उत्तर कोरिया के निवासियों को नाम बदलने के लिए लगातार नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इस साल के अंत तक नागरिकों को अपना नाम बदल कर कुछ क्रांतिकारी नाम रखने का समय दिया गया है। यही नहीं उन्हें अपने नाम के आखिरी में कुछ ऐसा जोड़ना होगा, जिससे राजनीतिक संदेश जाए। इस आदेश से उत्तर कोरिया के अधिकतर लोग नाखुश हैं। कुछ लोगों ने यह पूछने का साहस भी जुटाया है कि क्या वे अपने बच्चों को ऐसे नाम दे सकते हैं, जो वर्तमान में भुखमरी और उत्पीड़न के युग को दर्शा सके।
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, एक नागरिक ने रेडियो फ्री एशिया (RFA) को बताया कि निवासी इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि अधिकारी लोगों को अपना नाम बदलने को मजबूर कर रहे हैं। इस आदेश से नाराज माता-पिता कह रहे हैं कि अत्याचार अपने चरम पर है। एक परेशान नागरिक ने कहा, “मनुष्य अपना नाम कैसे रखें, इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। उत्तर कोरिया के लोग मजाक बना रहे हैं कि क्या वह अपने बच्चों को योंग चोल, मैन बोक या सन हुई जैसे नाम देंगे। ये सभी पुराने जमाने के नाम हैं।”
बता दें कि नॉर्थ कोरिया में जींस से लेकर लेदर जैकेट तक प्रतिबंधित है। हेयर कट का भी विशिष्ट तरीका तय है। देश के युवा तानाशाह का मानना है कि पश्चिमी फैशन देश के युवाओं को भटका सकता है। यहाँ तक कि बालों को रंगने और पश्चिमी ब्रांड की शर्ट पहनने पर भी प्रतिबंध है। अधिकारियों का कहना है कि उत्तर कोरियाई शैली के पोशाक और बाल ने देश में समाजवादी जीवन शैली स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन नियमों को तोड़ने वालों को प्रशासन ‘पूँजीवादी अपराधी’ मानता है।