Saturday, September 30, 2023
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'स्किनी जींस वाली महिला अश्लील, बुरी मानसिकता वाली': उत्तर कोरिया में टाइट ट्राउजर भी...

‘स्किनी जींस वाली महिला अश्लील, बुरी मानसिकता वाली’: उत्तर कोरिया में टाइट ट्राउजर भी बैन, किम की ‘मोरल पुलिस’ रख रही है नजर

कुछ लड़कियों को हिरासत में लेकर यूथ लीग के स्‍थानीय ऑफिस में ले जाया गया। वहाँ इन लड़कियों को एक पत्र लिखने के लिए बाध्‍य किया गया। जिसमें वादा किया गया था कि वे अब टाइट जींस नहीं पहनेंगी।

उत्तर कोरिया की अजीबोगरीब प्रतिबंधों को लेकर दुनिया भर में आलोचना होती है। लेकिन इससे उसके तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong) पर कोई प्रभाव पड़ता नहीं दिख रहा है। रिपोर्टों के अनुसार अब टाइट ट्राउजर पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पश्चिमी फैशन के प्रभाव को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। इतना ही नहीं स्किनी ​जींस पहनने वाली महिलाओं पर सोशलिस्ट पैट्रियोटिक यूथ लीग नजर भी रख रहा है। यह संगठन तानाशाह के लिए मोरल पुलिस की तरह काम करती है।

द सन की रिपोर्ट के अनुसार उत्‍तर कोरिया के इस यूथ संगठन ने कथित रूप से 20 से 30 साल के बीच की उन लड़कियों की तस्‍वीर खींचनी और वीडियो बनानी शुरू कर दी है, जो टाइट जींस पहनती हैं। ऐसी कुछ लड़कियों को हिरासत में लेकर यूथ लीग के स्‍थानीय ऑफिस में ले जाया गया। वहाँ इन लड़कियों को एक पत्र लिखने के लिए बाध्‍य किया गया। जिसमें वादा किया गया था कि वे अब टाइट जींस नहीं पहनेंगी। एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें टाइट जींस पहनने वाली महिला को अश्लील और बुरी मानसिकता वाला बताया गया है। इसके अलावा विदेशी पॉप संस्कृति को अपने देश के लिए खतरा बताते हुए हेयर कट पर भी आप​त्ति जताई गई है।

बता दें कि नॉर्थ कोरिया में पहले से ही जींस पहनने पर रोक लगी हुई है। अब स्किनी जींस को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसी तरह लेदर जैकेट के भी इस्तेमाल पर रोक है। हालाँकि किम को खुद कई मौकों पर लेदर जैकेट पहने देखा गया है। लेकिन वह देश की जनता के पारंपरिक कपड़े पहनने पर जोर देते हैं। इस युवा तानाशाह का मानना है की पश्चिमी फैशन देश के युवाओं को भटका सकता है। यहाँ तक कि बालों को रंगने और पश्चिमी ब्रांड की शर्ट पहनने पर भी प्रतिबंध है। अधिकारियों का कहना है कि उत्तर कोरियाई शैली के पोशाक और बाल ने देश में समाजवादी जीवन शैली स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन नियमों को तोड़ने वालों को प्रशासन ‘पूँजीवादी अपराधी’ मानता है।

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘नमाज पढ़ना है तो मस्जिद जाओ’: एयरपोर्ट पर अलग कमरा बनाने की माँग पर हाईकोर्ट ने फटकारा, पूछा – संविधान में कहाँ लिखा है?

"भारत धर्मनिरपेक्ष देश है। किसी एक समुदाय की माँग पर ऐसी व्यवस्था नहीं जा सकती। नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद है। जिसको पढ़ना है वह वहाँ जाए।"

‘घरों तक नहीं पहुँचने देंगे TOI’: हिन्दू विरोधी कार्टून के बाद भड़के लोगों ने जलाई अख़बार की प्रतियाँ, उज्जैन रेप केस के नाम पर...

पीड़िता की मदद करने वाला कोई अन्य नहीं बल्कि एक गुरुकुल के आचार्य राहुल शर्मा थे। लेकिन, कार्टूनिस्ट ने अपने कार्टून में उन्हें नहीं दिखाया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
277,028FollowersFollow
419,000SubscribersSubscribe