पाकिस्तान में भी अजीत डोभाल को लेकर भय का माहौल बन गया है। पाकिस्तानी अख़बार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ में मुल्क के रिटायर्ड एयर मार्शल और पूर्व एम्बेस्डर शहजाद चौधरी ने एक लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि अजीत डोभाल ‘गंदे हथकंडे’ अपना रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के साथ NSA बनाए गए अजीत डोभाल ख़ुफ़िया विभाग के दक्ष व अनुभवी व्यक्ति हैं और 90 के दशक में 6 वर्षों तक पाकिस्तान में रहे हैं।
शहजाद चौधरी के अनुसार, अजीत डोभाल ने उस दौरान पूरे पाकिस्तान का दौरा किया था और अपने देश के प्रति अपनी ड्यूटी को निभाते हुए समाज के कई वर्गों में भारत और उसके अभियान के लिए सहानुभूति और समर्थन को लेकर एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया था। उन्होंने कबूल किया है कि पाकिस्तानी समाज में भारतीय कूटनीतिज्ञ खासे लोकप्रिय हैं। वो लिखते हैं कि लौटते ही डोभाल ने ‘कश्मीर इंतिफाद’ का सफलतापूर्वक निपटारा किया।
वो लिखते हैं कि बतौर NSA डोभाल ने अपने कर्तव्यों की फेरहिस्त में जम्मू कश्मीर और पाकिस्तान को सबसे ऊपर रखा हुआ है। पाकिस्तान की समझ से भारत-पाकिस्तान संबंधों की नीतियाँ साउथ ब्लॉक में न बन कर NSA द्वारा बनाई जाती हैं और यही चिंता उसे खाए जा रही है। चौधरी का दावा है कि एक सेमिनार में अजीत डोभाल ने कहा था कि पाकिस्तान से निपटने के लिए आक्रामक नीति अपनानी होगी, जिसमें पाकिस्तानियों को एसेट की तरह प्रयोग में लाना होगा।
उनका कहना है कि 2008 में हुए मुंबई हमलों के बाद ज़रूर भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद के आरोप लगाए थे, लेकिन अजीत डोभाल ने इस प्रक्रिया को एक इंडस्ट्री के रूप में बदल दिया है। उनकी चिंता है कि अब भारत ने नीति बना ली है कि कश्मीर में जो भी होगा, उसके बदले पाकिस्तान के बलूचिस्तान में कई घाव दिए जाएँगे। उनका दावा है कि अजीत डोभाल बलूचिस्तान को एक नया जम्मू कश्मीर बनाना चाहते हैं, उसे विवादित क्षेत्र बनाना चाहते हैं। रिटायर्ड पाकिस्तानी एयर मार्शल ने लिखा:
“भारत ने ‘नौसेना अधिकारी’ कुलभूषण जाधव के पकड़े जाने के बाद उनके इशारों पर कराची और बलूचिस्तान में स्थित भारत के नेटवर्क को ध्वस्त किया गया। अफगानिस्तान में सड़क-रेल का जिस तरह से विकास किया जा रहा है और भारत वहाँ जैसे सक्रिय है, RAW के लिए आवागमन की पूरी सुविधा विकसित कर ली गई है। भारत के ‘प्रोपेगंडा’ के सामने पाकिस्तान संघर्ष ही कर रहा है। डोभाल की योजना के अनुसार, बलूच विद्रोहियों के साथ RAW मिल कर काम कर रहा है। अनुछेद-370 और धारा-35A को निरस्त करना भी अजीत डोभाल की योजना का हिस्सा था। अगर कोई युद्ध गन्दा है तो, आप स्वच्छ तरीके से इससे नहीं लड़ सकते।”
आगे बढ़ने से पहले बता दें कि कुलभूषण जाधव एक कारोबारी थे, जिनका अवैध तरीके से अपहरण कर के पाकिस्तानी फ़ौज ने उन पर भारतीय जासूस होने के आरोप लगा फाँसी की सजा सुना दी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने इस फैसले को रोक दिया। पाकिस्तानी विश्लेषक का लिखना है कि जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के खिलाफ अपनाई गई रणनीति को अब अजीत डोभाल लद्दाख में चीन के खिलाफ आजमा रहे हैं।
‘We know India is an enemy and it will do what enemies do,’ says a former Pakistani military man considered by many to be one of the more reasonable voices there. In India of course many, including ex-faujis, live in fond hope of bhaichara with Pakistan.
— Nitin A. Gokhale (@nitingokhale) November 24, 2020
उन्होंने आशंका जताई है कि भारत एक ‘दुश्मन’ है और वो यही कार्य करेगा, जो दुश्मन करते हैं। उन्होंने लिखा कि ये एक युद्ध है, जिसे पाकिस्तान को जीतना होगा। साथ ही पाकिस्तान की रणनीति को फिर से तैयार करने की ज़रूरत पर बल दिया। और दावा किया कि जम्मू कश्मीर का आखिरी चैप्टर अभी लिखा जाना है। इस लेख से स्पष्ट है कि पाकिस्तान में अजीत डोभाल को लेकर भय का माहौल बना हुआ है।
जम्मू कश्मीर में बड़ी साजिश के तहत आए 4 जैश आतंकियों के नगरोटा में भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने के बाद से दोनों देशों के बीच फिर तनाव का माहौल है। BSF के डायरेक्टर जनरल राकेश अस्थाना ने जवानों को आदेश दिया है कि वो जम्मू कश्मीर के साम्बा और राजौरी सेक्टर में भारत और पाकिस्तान की सीमा पर गश्त में तेज़ी और सतर्कता लाएँ, क्योंकि वहाँ आतंकियों के कुछ अन्य सुरंगों के भी मिलने की आशंका है।