भारत पर इस्लामोफोबिया के पाकिस्तानी आरोपों का मालदीव ने करारा जवाब दिया है। ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) की वर्चुअल मीटिंग में पाक ने यह मुद्दा उठाया था।
मालदीव ने कहा कि सोशल मीडिया पर चंद लोग और अलग-थलग पड़े समूहों की हरकतों या बयानबाजी को 130 करोड़ भारतीयों की राय नहीं समझा जा सकता। साथ ही इस्लामोफोबिया को लेकर दक्षिण एशिया के किसी एक देश को निशाना बनाने को लेकर OIC को आगाह भी किया।
संयुक्त राष्ट्र में मालदीव की स्थायी प्रतिनिधि थिलमीजा हुसैन ने कहा कि भारत के संदर्भ में इस्लामोबिया का आरोप लगाना तथ्यात्मक रूप से गलत होगा।
Maldives has called out propaganda against India at virtual OIC meet at UN. Maldives Permanent representative to UN, Thilmeeza Hussain, minced no words and said alleging Islamophobia in context of India would be factually incorrect.
— ANI Digital (@ani_digital) May 22, 2020
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उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और बहु-सांस्कृतिक समाज है। यहाँ 20 करोड़ से अधिक मुस्लिम रह रहे हैं। ऐसे में इस्लामोफोबिया का आरोप लगाना तथ्यात्मक रूप से गलत होगा। हुसैन ने कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में धार्मिक सद्भाव के लिए ऐसा करना हानिकारक होगा। इस्लाम भारत में सदियों से मौजूद है और यह देश का 14.2 फीसद आबादी के साथ भारत में दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।
उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में पाकिस्तान के कई सोशल मीडिया हैंडल ने भारत में मुस्लिमों के लिए ‘कोई जगह नहीं’ होने की बात का दुष्प्रचार शुरू किया है। पाकिस्तान ने भारत में इस्लामोफोबिया बढ़ने का दावा भी किया है। भारत इसे पाकिस्तान द्वारा भारत और अरब बिरादरी के रिश्तों में खटास डालने की साजिश के रूप में देखता है।
थिल्मिजा हुसैन ने कहा कि दुनिया ने घृणा, पूर्वाग्रह और नस्लवाद की संस्कृति में एक खतरनाक वृद्धि देखी है। राजनीतिक और अन्य विचारधाराओं/ एजेंडों को बढ़ावा देने के लिए हिंसा का इस्तेमाल किया गया है। मालदीव दुनिया में कहीं भी इस तरह के कार्यों के खिलाफ मजबूती से खड़ा है, जिसमें राजनीतिक या किसी अन्य एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए इस्लामोफोबिया, ज़ेनोफ़ोबिया या किसी भी तरह की हिंसा को बढ़ावा देना शामिल हो।
उन्होंने कहा कि मालदीव OIC में ऐसी किसी कार्रवाई का समर्थन नहीं करेगा, जो भारत के खिलाफ हो। मालदीव ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत ने सऊदी अरब, यूएई, अफगानिस्तान, फिलिस्तीन और मॉरीशस जैसे कुछ सबसे बड़े OIC सदस्यों के साथ मजबूत एलायंस बनाया है। हुसैन ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच जब भारत ने चीन के वुहान में फँसे अपने छात्रों को वहाँ से निकाला, तो मालदीव के भी 7 नागरिकों को निकाला था। इसके साथ ही भारत ने सहायता के लिए दवाएँ और मेडिकल टीम भी भेजी थी। इसके लिए मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भारत का आभार व्यक्त करते हुए कहा था कि मालदीव सौभाग्यशाली है कि उसे भारत की सहायता मिली है।
भारत दौरे पर आए मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और मौजूदा स्पीकर मोहम्मद नशीद नागरिकता संशोधन क़ानून पर अपनी राय देते हुए कहा था कि उन्हें भारत के लोकतंत्र पर है और यह भारत का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा था, “नागरिकता संशोधन बिल की पूरी प्रक्रिया को संसद के दोनों सदनों से मँजूरी मिली है और मैं उस दौरान ख़ुद भारत की संसद में मौजूद था।”
इसके साथ ही उन्होंने भारत को अल्पसंख्यकों के लिए स्वर्ग बताया था। मालदीव ने अनुच्छेद 370 पर भी भारत का साथ देते हुए इसे भारत का आंतरिक मुद्दा बताया था और दखल देने से साफ़ इनकार कर दिया था।