Monday, November 25, 2024
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ओमिक्रोन से चीन में दहशत: महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को किया मेटल बॉक्स में बंद, बाहर निकलने पर लोगों को पीट रहा ड्रैगन

इन 2 हफ्तों में कोई हमें देखने भी नहीं आया। यह किस तरह का क्वारंटाइन सेंटर है? प्रेग्नेंट महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को यहाँ रखा जाता है और बाहर निकलने के बाद उन्हें पीटा भी जाता है।

दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरनाक वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) का कहर जारी है। इसी बीच खबर है कि चीन इस वैरिएंट पर काबू पाने के लिए अपने देश में कड़े नियमों को लागू कर रहा है। चीनी सरकार अनयांग (Anyang) समेत कई शहरों में लॉकडाउन (Lockdown) लगाकर दो करोड़ से अधिक लोगों को घरों में बंद रहने के लिए मजबूर कर रही है।

‘डेली मेल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अनयांग और युझोउ (Yuzhou) शहरों के अब तक कुल 20 मिलियन (2 ​करोड़) लोगों के घरों से निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यही नहीं उन्होंने बड़े पैमाने पर क्वारंटाइन कैंपस (Quarantine Camps) का एक नेटवर्क भी बनाया है, जहाँ हजारों की संख्या में मेटल बॉक्स बनाए गए हैं। इन मेटल बॉक्स में प्रेग्नेंट महिलाओं, बुजुर्ग, बच्चों समेत तमाम लोगों को आइसोलेट किया जा रहा है। 

दरअसल, ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मामले सामने आने के बाद 5.5 मिलियन (55 लाख) आबादी वाले आन्यांग के अलावा अन्य शहरों में सोमवार देर रात लॉकडाउन लगा दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ के तहत चीन में जिन नियमों के तहत सख्त लॉकडाउन लगाया गया है, उसे ‘दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन’ कहा जा रहा है। वह मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हुए बेहद क्रूर प्रतिबंधों को अपनी देश की जनता पर थोप रहा है।

चीनी सरकार द्वारा शेयर की गई तस्वीरों के मुताबिक, Shijiazhuang प्रांत में 108 एकड़ में क्वारंटाइन कैंपस बनाया गया है। वहाँ के लोगों को आइसोलेट करने के लिए मेटल के छोटे से बॉक्स में 2 हफ्तों तक बंद करके रखा जा रहा है। इसी में उन्हें बेड और और टॉयलेट भी दिए गए हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को भी इसमें रखा जा रहा है। उन्होंने क्वारंटाइन कैंपस से निकलने के बाद बताया कि वहाँ उन्हें ठंडे मेटल बॉक्स में रखा गया था और खाने के लिए पर्याप्त भोजन भी नहीं दिया गया। कई दिनों तक हम भूखे रहे। हम लोगों को अपना घर छोड़कर यहाँ रहने के लिए दबाव बनाया गया। हमें बसों से भर-भरकर यहाँ लाया गया था।

चीनी सरकार पर आगबबूला होते हुए बीबीसी से एक शख्स ने बताया कि यहाँ कोई भी सुविधा नहीं दी जाती है। हम जिंदा हैं भी या नहीं इससे किसी को कुछ लेना देना नहीं होता। इन 2 हफ्तों में कोई हमें देखने भी नहीं आया। यह किस तरह का क्वारंटाइन सेंटर है? प्रेग्नेंट महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को यहाँ रखा जाता है और बाहर निकलने के बाद उन्हें पीटा भी जाता है।

बता दें कि चीन में वर्ष 2020 में कोरोना महामारी की शुरुआत के वक्त वुहान और हुबेई प्रांत के बाकी हिस्सों को बंद करने के बाद यह अब तक का सबसे सख्त लॉकडाउन है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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