सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, आसिफ मर्चेंट को ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए अमेरिका भेजा गया था। वह अमेरिका जाने से पहले लंबे वक्त तक ईरान में रहा। बाद में इसी साल अप्रैल में उसे पाकिस्तान से अमेरिका भेजा गया।
बताया जा रहा है कि 46 साल के आसिफ मर्चेंट ने अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए दो लोगों को ढूँढकर 5000 डॉलर का भुगतान भी किया था। हालाँकि बाद में पता चला कि वो दो लोग कोई और नहीं बल्कि एफबीआई के सीक्रेट एजेंट थे।
उन्होंने आसिफ मर्चेट की सूचना पुलिस को दी और फिर उसे हिरासत में लिया गया। 16 जुलाई को अमेरिका की फेडरल कोर्ट ने उसे गिरफ्तार करने का आदेश दिया। आसिफ मर्चेंट की गिरफ्तारी को लेकर FBI के डायरेक्टर क्रिस्टोफर ने कहा मर्चेंट एक खतरनाक हत्या की साजिश रच रहा था, जिसे नाकाम कर दिया गया।
White House says Asif Merchant has no connection to Trump's assassination plot. US DOJ charged the Pakistani national in a foiled assassination plot targeting US Politicians/officials: pic.twitter.com/bQjMSAqOyo
— Sidhant Sibal (@sidhant) August 7, 2024
उन्होंने बताया कि मर्चेंट का ईरान से सीधा कनेक्शन है। उसे ईरान ने ही अमेरिकी नेताओं की हत्या करने के लिए भेजा था। पूछताछ में उसने अमेरिका से अपने कनेक्शन पर कहा कि उसकी दो बीवियाँ हैं एक पाकिस्तान में और दूसरी ईरान में। दोनों जगह उसके बच्चे हैं इसलिए वो आता जाता है।
हालाँकि मीडिया रिपोर्टों में जो अदालती दस्तावेज का हवाला देते हुए जानकारी दी गई है उसमें कहा गया है कि साजिश में कुछ निश्चित घरों से यूएसबी ड्राइव व डॉक्यूमेंट्स को चुराना, नेताओं की हत्या करना, प्रदर्शन करना आदि शामिल था।
उसने इन सभी करतूतों को अंजाम देने के लिए कोड नेम बनाए थे। जैसे- विरोध प्रदर्शन के लिए “टी-शर्ट”, दस्तावेजों की चोरी के लिए “फलालैन शर्ट”, हत्या के लिए “ऊन जैकेट” और उनकी बैठकों के लिए “यार्न-डाई।”
अदालत में पेश किए गए दस्तावेज में भले ही किसी अकेले नेता की हत्या की साजिश का नाम नहीं है लेकिन मीडिया में इसे ट्रंप से जोड़कर बताया जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि आसिफ को सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए भेजा गया था और जब सुलेमानी को मारा गया था उस समय डोनाल्ड ट्रंप ही अमेरिका के राष्ट्रपति थे। इसलिए इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप का नाम उन नेताओं की लिस्ट में रखकर देखा जा रहा है जो आसिफ के निशाने पर थे।
इसके अलावा ईरान ने पिछले साल भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को मारने की धमकी दी थी। ईरान के रिवॉल्यूश्नरी गार्ड एयरोस्पेस फोर्स के हेड अमीराली हाजीजादेह ने कहा था, “अल्लाह ने चाहा तो हम ट्रम्प को जरूर मारेंगे। हम उन सभी मिलिट्री कमांडर को मारना चाहते हैं, जो ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या में शामिल थे।”
गौरतलब है कि ईरान द्वारा रची जा रही ट्रंप की हत्या की साजिश पर इसलिए भी इतनी बात हो रही है क्योंकि कुछ समय पहले ही ट्रंप पर एक रैली के दौरान जानलेवा हमला हुआ था। इसके अलावा ट्रंप ने कुछ दिन पहले ईरान को लेकर कहा भी था अगर ईरान ने ईरान कभी भी उनकी हत्या करने में कामयाब होता है तो उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका उसे खत्म कर देगा।