कांगो डेमोक्रेटिक रिपब्लिक के मध्य अफ्रीकी राष्ट्र में तैनात एक पाकिस्तानी सेना कर्नल को संयुक्त राष्ट्र मिशन के कर्मचारियों को इस्लाम धर्म में परिवर्तित करने की कोशिश करते हुए पाया गया है। बता दें कि कांगो में अधिकांश आबादी ईसाई धर्म के विभिन्न संप्रदायों से जुड़ी हुई है,वहीं इस्लाम अल्पसंख्यक धर्म में आता हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांगो डेमोक्रेटिक रिपब्लिक में यूनाइटेड नेशन ऑर्गनाइजेशन स्टेबिलाइजेशन मिशन (MONATCO) के पाकिस्तानी दल के एक डिप्टी कमांडर, कर्नल साकिब मुश्ताकी पर स्थानीय कर्मचारियों को इस्लाम में परिवर्तित कराने की कोशिश करने का आरोप लगा है। कथिततौर पर पाकिस्तानी सेना के कर्मियों ने कुछ ईसाई संयुक्त राष्ट्र मिशन के कर्मचारियों से संपर्क करते हुए उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया।
धर्मपरिवर्तन को लेकर लगे आरोपों के बाद पाकिस्तानी सेना के कर्नल के खिलाफ जाँच के आदेश दिए गए हैं। सामान्य मुख्यालय (जीएचक्यू) ने घटना के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए एक आंतरिक जाँच-पड़ताल शुरू की है। हालाँकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि मामले में दोषी पाएँ जाने के बाद पाकिस्तान सेना के अधिकारी के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब संयुक्त राष्ट्र मिशनों के लिए पाकिस्तानी सेना पर गलत काम करने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र मिशन का एक हिस्सा रह चुके एक पाकिस्तानी सेना के अधिकारी पर पहले भी बड़े उल्लंघन का आरोप लगाया गया था।
वर्ष 2012 में, दो पाकिस्तानी अधिकारियों पर 12 साल के मानसिक रूप से विक्षिप्त लड़के के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। इस घटना ने इस्लामाबाद को अधिकारियों के खिलाफ अदालती कार्यवाही करने के लिए मजबूर किया था। नाबालिग लड़के का बलात्कार करने के आरोप में पाकिस्तानी ट्रिब्यूनल ने उन्हें एक साल जेल की सजा सुनाई थी।
उल्लेखनीय है कि इस खुलासे के दौरान यह भी पता चला कि पाकिस्तानी सेना 2005 से यौन शोषण की घटनाओं में शामिल है।