भारत से अलग होकर इस्लाम के नाम बने पाकिस्तान में हिंदुओं के लिए एक और बुरी खबर आई है। पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग (HEC) ने देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में होली समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया है। आयोग न कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ देश के सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों से अलग हैं और इससे इस्लामी पहचान को नुकसान होता है। बता दें कि इस साल होली के आयोजन पर इस्लामी कट्टरपंथी कई यूनिवर्सिटी में हिंदुओं पर हमला किया था।
Pakistan's Higher Education Commission bans Holi celebrations across all educational institutes saying that such activities portray a complete disconnect from the country’s sociocultural values and are an erosion of the country’s Islamic identity, reports Aaj News.
— ANI (@ANI) June 21, 2023
आयोग ने अपनी अधिसूचना में कहा कि सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों का पालन करने के लिए छात्रों को इस त्योहार को मनाने से रोका गया है। नोटिफिकेशन के अनुसार, “इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सांस्कृतिक, जातीय और धार्मिक विविधता एक समावेशी और सहिष्णु समाज की ओर ले जाती है, जो सभी धर्मों और पंथों का गहराई से सम्मान करता है। हालाँकि, इसे अतिशयोक्ति किए बिना एक नपे-तुले ढंग से करने की आवश्यकता है। छात्रों को निहित स्वार्थों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है।”
नोटिफिकेशन में आगे कहा कि इन सब बातों को देखते हुए उच्च शिक्षा आयोग सभी शिक्षण संस्थानों और विद्यार्थियों को इन सबसे दूर रहने के लिए का निर्देश देता है। आयोग ने कहा कि इन संस्थानों को विद्यार्थियों की पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। बता दें कि आयोग फैसला उस वक्त आया है, जब कुछ दिन पहले इस्लामाबाद के कायद-ए-आज़म विश्वविद्यालय (QAU) में होली उत्सव की तस्वीरें और वीडियो खूब वायरल हुए थे।
Holi celebrations in Quaid-I-Azam University Islamabad Pakistan 🍁
— QAU News (@NewsQau) June 13, 2023
Biggest holi celebration in Pakistan 💓 pic.twitter.com/xdBXwYEglt
बता दें कि इस साल पाकिस्तान के कई विश्वविद्यालयों में होली मनाने पर हिंदू विद्यार्थियों पर हमला किया गया था। इस साल मार्च में पाकिस्तान के लाहौर स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में होली खेल रहे हिन्दू छात्रों पर हमले किए गए थे। हमला इस्लामी जमीयत तुलबा (IJT) नाम के एक कट्टरपंथी संगठन ने किया था। इस हमले में 15 छात्रों के घायल हो गए थे।
पीड़ित छात्रों ने दावा किया है कि उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से होली आयोजन की अनुमति ले रखी थी। हालाँकि, यूनिवर्सिटी के गार्डों ने भी हमलावरों का ही पक्ष लिया था। सिंध काउंसिल के महासचिव कासिफ ब्रोही ने भी हिन्दू छात्रों द्वारा कार्यक्रम की अनुमति लेने की पुष्टि की थी।
माना जा रहा है कि इस कट्टरपंथी समूह को यूनिवर्सिटी में हो रहे आयोजन की जानकारी हिन्दू छात्रों द्वारा फेसबुक पर की गई पोस्ट से मिली थी। तब उन्होंने सोशल मीडिया पर ही हिन्दू छात्रों को धमकाया भी था। इस घटना के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। यह बात सामने आई थी कि यूनिवर्सिटी के सुरक्षा गार्ड 4-5 हिन्दू छात्रों को अपने साथ गाड़ी में भर कर ले गए। इसकी वजह से पीड़ित छात्र अपनी शिकायत भी नहीं दर्ज करवा पाए थे।
इतना ही नहीं, पाकिस्तान में हिंदुओं के द्वारा होली मनाने पर सिंध के एक मौलाना ने कहा था कि सिंध की जमीन सूफियों की जमीन है। उसने वहाँ सिर्फ मोहम्मद के दीन का ही जश्न मनाए की नसीहत दी है। भीड़ को संबोधित करते हुए मौलना द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
वायरल वीडियो पाकिस्तान के कट्टरपंथी समूह जमीयत उलेमा ए इस्लामी के सिंध में आयोजित एक सम्मेलन का था। वीडियो में ‘जमीयत उलेमा ए इस्लामी’ के सिंध प्रान्त के सचिव मौलाना राशिद महमूद कहता है, “हिंदू सिंध में होली नहीं खेल सकते। यह जगह दिल्ली और मुंबई नहीं है। यहाँ पर सिर्फ मोहम्मद का दीन मनेगा। यह जमीन सूफी फकीरों की है। हम गैर-मुस्लिमों को जश्न की इजाजत नहीं दे सकते।”