पाकिस्तान में 14 साल की एक लड़की को अगवा कर लिया गया। फिर जबरन धर्म परिवर्तन करवा अपहरणकर्ता के साथ ही उसका निकाह करवा दिया गया।
घटना पंजाब प्रांत के फैसलाबाद के मदीना टाउन की है। पीड़ित लड़की अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखती है। 26 अप्रैल को एक घर में काम करने जाते वक्त उसे अगवा किया गया।
फोर्ब्स ने इंटरनेशनल क्रिश्चियन कंसर्न (ICC) के हवाले से बताया है, “मारिया शहबाज को मोहम्मद नकाश के नेतृत्व में एक समूह ने अगवा कर लिया। घटना के वक्त वह काम पर जा रही थी। चश्मदीद परवेज मसीह, युनूस मसीह और नईम मसीह ने बताया कि अपहरनकर्ताओं ने उसे जबरन कार में बिठाया।”
चश्मदीदों का कहना है कि वे मारिया की मदद नहीं कर पाए क्योंकि अपहरणकर्ता हथियारों से लैस थे। उन्होंने हवाई फायरिंग भी की। मारिया की मॉं निगत इंटरनेशनल क्रिश्चियन कंसर्न से बातचीत में बेटी के बलात्कार, जबरन इस्लाम कबूल करवाने या उसकी हत्या किए जाने की आशंका जताई। अब खबर आ रही है कि निगत की आशंका निराधार नहीं थी। मारिया को जबरन इस्लाम कबूल करवा अगवा करने वाले से निकाह करवा दिया गया है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लड़कियों को अगवा कर उनका जबरन धर्म परिवर्तन करवाने का यह पहला मामला नहीं है। पड़ोसी मुल्क से ऐसी खबरें लगातार ही सामने आती रहती है। वहाँ के हिन्दू, सिख और ईसाई लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जाता है।
4 सितंबर 2019 को लाहौर के पंजाब प्रांत में भी 15 साल की एक ईसाई लड़की का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया था। पीड़ित ईसाई लड़की जिस स्कूल में पढ़ती थी, वहाँ की प्रिंसिपल सलीमा बीबी ने ही उसका धर्म परिवर्तन करवाया था। सलीमा बीबी ने शेखपुरा जिले के एक मदरसे में लेकर जाकर उसे जबरन इस्लाम कबूल करवाया।
बीते साल दिसंबर में कराची में 14 साल ही ईसाई नाबालिग लड़की हुमा यूनुस को भी अगवा किए जाने के बाद जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया था। उसका निकाह भी अपहरणकर्ता अब्दुल जब्बार से करवा दिया गया था।
पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं और लड़कियों पर अपहरण और हमले के मामले आम हैं। द मूवमेंट फॉर सॉलिडरिटी एंड पीस पाकिस्तान की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में हर साल अल्पसंख्यक समुदाय की 1,000 महिलाओं और लड़कियों को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है और मुस्लिमों से उनका निकाह करवाया दिया जाता है। ज्यादातर पीड़िता 12 से 25 साल के बीच की होती हैं।