पाकिस्तान में इस्लामी बर्बरता का कोई अंत होता नहीं दिख रहा। चाहे हिंदू हो या ईसाई वहाँ हर अल्पसंख्यक को खून के आँसू रोने पर मजबूर किया जा रहा है। ताजा मामला पाकिस्तान के गुजरांवाला से आया है। वहाँ एक ईसाई समुदाय की महिला और उसके बेटे को दिन दहाड़े इस्लामी भीड़ ने मार डाला। उनका शव खून से लथपथ सड़क पर पड़ा तस्वीरों में देखा जा सकता है।
पत्रकार आदित्यराज कौल ने यह जानकारी अपने ट्विटर पर शेयर की। उन्होंने लिखा, “ईसाई माँ यासमीन और उसका बेटे उस्मान मसीह को मोहम्मद हसन के अगुवाई में इस्लामी भीड़ ने बेरहमी से मार डाला। ईश निंदा के नाम पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ क्रूर अत्याचार जारी है और पूरा विश्व पूर्ण रूप से मौन है।”
Shocking. #Christian mother Yasmin and her son Usman Masih brutally killed by an #Islamist mob led by Muhammad Hassan and others in Gujranwala of #Pakistan. Brutal atrocities against minorities in the name of #blasphemy only continue. And the world remains silent! pic.twitter.com/JeHFNGFWCE
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) November 10, 2020
पाकिस्तान के वकील व कार्यकर्ता राहत ऑस्टिन ने इस घटना की सूचना देते हुए लिखा, “यहाँ सवालों के जवाब देने पर या फिर इस्लाम के लिए सख्त शब्दों का आदान-प्रदान करने पर भी उसे ईशनिंदा मानकर, मौत की सजा दी जाती है। एक ईसाई माँ और उसके बेटे उस्मान मसीह को मोहम्मद हसन और अन्यों ने पाकिस्तान पंजाब के गुजरांवाला के वजीराबाद के कठोर गाँव में हत्या कर दी।”
He was the only child of his parents now he had 2 doughters, the youngest one is just 1 year old. You can see how they are looking at their father. pic.twitter.com/a63oSyRaM3
— Rahat Austin (@johnaustin47) November 10, 2020
राहत ने जानकारी दी कि मृत महिला का केवल एक ही बेटा था और उसकी खुद की भी दो बेटियाँ थी। तस्वीरों में दोनों बेटियों को अपने पिता के शव के पास बैठकर रोते देखा जा सकता है।
WARNING:GRAPHIC CONTENT:
— Rahat Austin (@johnaustin47) November 9, 2020
Even answering a question or exchange of harsh words on Islam is considered blasphemy punishable by death. A Christian Mother Yasmin & His Son Usman Masih are Murdered by Muhammad Hassan & others.
Village Kathor kalan,wazirabad, Gujranwala,Punjab-Pakistan pic.twitter.com/LCDpKFt1PA
साजेदा अख्तर इसी घटना पर लिखती हैं, “आधुनिक पाकिस्तान की बहुसंख्यक आबादी को ईशनिंदा के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को चुन-चुन कर मारने का लाइसेंस मिल गया है और दुनिया बस चुपचाप देख रही है।”
Usman Masih & his mother Yasmin belonging to Christian minority community murdered for alleged blasphemy.
— Sajeda Akhtar (@Sajeda_Akhtar) November 10, 2020
In medieval #Pakistan, the majority community has the licence to kill, particularly persons from minority communities in the name of blasphemy, & the world watches silently. pic.twitter.com/7bnXiMvWRr
याद दिला दें पाकिस्तान में ईशनिंदा के नाम पर किसी व्यक्ति को मौते के घाट उतारना कोई अपराध करना नहीं होता बल्कि वहाँ ऐसा करने वालों का फूलों से स्वागत होता है। लोग उस व्यक्ति के समर्थन में नारे लगाते हैं, उसे अपना हीरो बताते हैं।
हाल में पाकिस्तानी एक्टिविस्ट राहत ऑस्टिन ने ख़ुशब की क़ैदाबाद तहसील में नेशनल बैंक ऑफ़ पाकिस्तान शाखा के एक मैनेजर को ईशनिंदा के आरोप में गोली मारने वाले सिक्योरिटी गार्ड अहमद नवाज का वीडियो शेयर किया था।
वीडियो में अहमद एक भीड़ का नेतृत्व करते, नारे लगाते और हत्या का जश्न मनाते हुए सड़क पर दिखाई दे रहे थे। इस प्रदर्शन के बीच एक व्यक्ति को भीड़ से निकलते और उसे चूमते हुए भी देखा जा सकता है।
Another killing for blasphemy in Islamic State Pakistan.
— Rahat Austin (@johnaustin47) November 4, 2020
Ahmad Nawaz a security guard kills branch manager of National bank accusing him Blasphemy after heated argument. Look how he is greeted by crowd, kissing his hands with honour. All cultures or religions are not same sir. pic.twitter.com/57EoCa5kgp