पाकिस्तान की सरकार वहाँ की इस्लामी कट्टरवादियों के सामने झुक गई है। वहाँ की केंद्रीय कैबिनेट ने ‘इकोनॉमिक कोआर्डिनेशन कमिटी (ECC)’ के उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, जिसमें भारत से कॉटन और शुगर इम्पोर्ट करने की बात कही गई थी। 1 दिन पहले ही पाकिस्तान ने भारत से होने वाले व्यापार पर से पाबंदी हटाई थी। 2019 में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान ने बौखलाहट में ये निर्णय लिया था।
पाकिस्तान को डर था कि टेक्सटाइल प्रोडक्शन के इनपुट में काफी कमी आ सकती है, इसलिए उसने बुधवार (मार्च 31, 2021) को भारत से कॉटन इम्पोर्ट किए जाने पर पाबंदी हटाने का फैसला लिया था। इसके बाद पाकिस्तान में विभिन्न हलकों से विरोध के स्वर उठने लगे थे। वहाँ के कट्टरपंथियों और विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया था कि इमरान खान सरकार भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने में लगी हुई है।
उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर पर भारत ने एक कदम भी पीछे नहीं खींचा है, ऐसे में पाकिस्तान द्वारा अपने कदम पीछे लेना ठीक नहीं है। जम्मू-कश्मीर पर भारत ने पाकिस्तान या किसी भी बाहरी ताकत के सामने न झुकते हुए अपने निर्णय का बचाव किया, जबकि पाकिस्तान की मीडिया ही वहाँ की सरकार की ‘हाँ-ना’ पर तंज कस रही है। इससे पता चलता है कि इमरान सरकार कन्फ्यूज्ड है और खुद ही उछाल-कूद कर इधर-उधर के फैसले ले रही है और पलट रही है।
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— Malik Ali Raza (@MalikAliiRaza) April 1, 2021
Federal Cabinet says no to import of sugar and cotton from India. The suggestion of ECC has been rejected.#PMimranKhan #Pakistan #India pic.twitter.com/r6X9fTN1id
केंद्रीय कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि व्यापार पर से प्रतिबंध नहीं हटाया जाएगा, भले ही पाकिस्तान में आर्थिक संकट चाहे कितना भी गहरा हो जाए। पहले पाकिस्तान ने कहा था कि भारत अपने कदम वापस लेगा, तभी व्यापार खुलेगा। इसी तरह मई 2020 में पाकिस्तान ने भारतीय दवाओं पर लगा प्रतिबंध हटाया था। कोरोना के कारण मात्र एक साल बाद ही उसे ये प्रतिबंध हटाने को मजबूर होना पड़ा। अब पाकिस्तान ने 24 घंटे में फिर अपना फैसला पलटा है।