भारत से मुकाबले की कोशिश करता पाकिस्तान तबाही की कगार पर पहुँच चुका है। पाकिस्तान के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। पाकिस्तान के पास महज इतनी ही विदेशी मुद्रा बची है कि वो सिर्फ 2 माह तक ही सामान खरीद सकता है, लेकिन उसके ऊपर बढ़ता कर्ज सुरसा के मुँह की तरह बढ़ता जा रहा है। उसे विदेशी कर्ज की किश्तें चुकाने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, यहाँ तक कि हुक्मरानों को पिछले कई सालों से विदेशी सरकारों से अनुदान माँगने के लिए दौरे करने पड़ रहे हैं। इस बीच, पाकिस्तान का फॉरेक्स रिजर्व महज 9 अरब डॉलर का ही बचा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार गिरावट के साथ 9 अरब डॉलर के करीब बना हुआ है। वहीं, पाकिस्तानी रुपया यूएस डॉलर के मुकाबले 278 पर है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की लेटेस्ट वीकली अपडेट के अनुसार, 7 जून 2024 को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 6 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 9.10 अरब डॉलर रहा। यह मुद्रा भंडार 2 महीने से कम के आयात के जितना ही है। अगर पाकिस्तान ने कुछ मजबूत कदम नहीं उठाए, तो वह विदेशों से कुछ भी आयात नहीं कर पाएगा।
रिकॉर्ड ऊँचाई पर भारत का विदेशी मुद्रा भंडार
एक तरफ पाकिस्तान लगातार बर्बादी की कगार पर पहुँच रहा है, तो दूसरी तरफ भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ता जा रहा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार सात जून को समाप्त सप्ताह में 4.307 अरब डॉलर बढ़कर 655.817 अरब डॉलर की नयी सर्वकालिक ऊँचाई को छू गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार (14 जून 2024) को यह जानकारी दी। इससे पूर्व के सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.837 अरब डॉलर के उछाल के साथ 651.51 अरब डॉलर के स्तर पर पहुँचा था।
पिछले कुछ सप्ताहों में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। एक तरफ पाकिस्तान लगातार बर्बादी की कगार पर पहुँच रहा है, तो दूसरी तरफ भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं, रिजर्व बैंक ने कहा कि आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के पास भारत की आरक्षित जमा भी एक करोड़ डॉलर बढ़कर 4.336 अरब डॉलर हो गई।