पाकिस्तान ने अपनी निगरानी सूची से लगभग 4,000 आतंकवादियों के नामों को हटा दिया है। एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप ने खुलासा किया है कि कि इस लिस्ट से उन लोगों के नाम भी हटाए गए हैं, जो 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के प्रमुख योजनाकार थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार इनमें लश्कर का ऑपरेशन कमांडर जकी उर रहमान का नाम भी शामिल है। ये वही जकी उर रहमान है, जो 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टर माइंड था। अनुमान लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तान ने यह करनामा FATF की आगामी समीक्षा में ब्लैक लिस्ट होने के डर से किया है।
पाकिस्तान को FATF द्वारा ब्लैक लिस्ट होने का भय
दुनियाभर में आतंकियों को भेजने के मामले में पाकिस्तान के पुराने इतिहास के कारण ही आतंकी फंडिंग के लिए वैश्विक निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा है। अब एफएटीएफ को जून में पाकिस्तान की प्रगति का फिर से मूल्यांकन करना है।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को चार महीने की मोहलत दी थी। उसने पाकिस्तान को 27 प्रतिबंधों वाली एक सूची सौंपी थी, जिसमें से ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए पाकिस्तान ने 27 में से केवल 14 बिंदुओं का पालन किया। एफएटीएफ ने कहा था कि यदि पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर निकलना है तो उसे इन 27 प्रतिबंधों को लागू करना ही होगा। अगर पाकिस्तान 27 बिंदुओं को पूरा करने में असफल रहता है तो एफएटीएफ उसे ब्लैक लिस्ट में डाल सकता है।
न्यूयॉर्क के एक स्टार्टअप कैसेलम ने दावा किया है कि पाकिस्तान सरकार भले ही कितना आतंकवाद विरोधी होने का दावा किया हो लेकिन पिछले डेढ़ साल में ग्लोबल टेरेरिस्ट वॉचलिस्ट से 3800 से ज्यादा आतंकियों के नाम हटा दिए हैं। पाकिस्तान ने न तो अभी तक किसी को इसकी जानकारी दी है और न ही हटाने से पहले किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था से इसकी चर्चा की गई थी।
बताया जा रहा है कि इमरान खान ने भी सत्ता में आने के बाद से अभी तक 1800 कुख्यात आतंकियों का नाम इस वॉच लिस्ट से हटा दिया है। अमेरिकी सरकार में पूर्व पॉलिसी एडवाइजर रह चुके पीटर पैटेटस्की के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मानक यह है कि अगर वॉच लिस्ट से आतंकवादियों का नाम हटाया जाता है तो तुरंत उसकी सूचना वित्तीय क्षेत्र को देनी होती है। जबकि पाकिस्तान ने संदिग्ध आतंकवादियों के नाम हटाते समय ऐसा नहीं किया है।