Sunday, November 24, 2024
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पाकः इस्लामी प्रचारक तबलीगी जमात के 27 सदस्य कोरोना पॉजिटिव, टेस्ट के दौरान एक ने पुलिस पर किया चाकू से हमला

करीब 1200 तबलीगी जमात के प्रचारक 5 दिन के सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे जिनमें 500 विदेशी भी शामिल थे। इसके पहले फरवरी में प्रचार के लिए उन्होंने कई टीमें बनाई थीं। पंजाब सरकार ने आयोजकों से अपील की थी कि वह इस सम्मेलन को रद्द कर दें, लेकिन उन्होंने सरकार की नहीं सुनी।

पाकिस्तान में इस्लामिक प्रचारक तबलीगी जमात के 27 सदस्यों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। रायविंड के तबलीगी मरकज सेंटर में 35 लोगों की स्क्रीनिंग की गई थी। दरअसल, ऐसा संदेह था कि रायविंड रोड स्थित तबलीगी मरकज और विभिन्न मस्जिदों से कोरोना वायरस जगह-जगह फैला। इसके बाद ही स्थानीय प्रशासन ने तबलीगी के कई प्रचारकों को हिरासत में लेकर क्वारंटाइन किया था। 

पाकिस्तानी अखबार ‘द डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, जब क्वारंटाइन सेंटर में सभी तबलीगी जमातियों का टेस्ट किया जा रहा था तो उनमें से एक प्रचारक ने क्वारंटाइन से बचने के लिए पुलिस ऑफिसर SHO अशरफ मलिक माखी पर चाकू से हमला कर दिया और भागने की कोशिश की। हालाँकि, हमलावर को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में स्वाबी जिले से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं पुलिस अधिकारी को लेय्या में डीएचक्यू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि फिलहाल पुलिस अधिकारी की हालत स्थिर बनी हुई है।

करीब 1200 तबलीगी जमात के प्रचारक 5 दिन के सम्मेलन में हिस्सा ले रहे थे जिनमें 500 विदेशी भी शामिल थे। इसके पहले फरवरी में प्रचार के लिए उन्होंने कई टीमें बनाई थीं। पंजाब सरकार ने आयोजकों से अपील की थी कि वह इस सम्मेलन को रद्द कर दें, लेकिन उन्होंने सरकार की नहीं सुनी। हालाँकि, बाद में उन्होंने मन बदल लिया और इसके बाद ही प्रांत में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। जिसकी वजह से अब उनके घर जाने के लिए किसी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसके बाद मरकज को सील कर दिया गया और 25 लोगों के आवास को क्वारंटाइन सेंटर में बदल दिया गया।

इससे पहले मार्च में तबलीगी जमात ने लाहौर के बाहरी इलाके में 1.5 लाख लोगों की एक मजहबी सभा का आयोजन किया था। इस सामूहिक सभा के परिणामस्वरूप कोरोना वायरस महामारी का भयंकर प्रसार देखा गया, क्योंकि इस सभा में हिस्सा लेने वाले लोगों ने सोशल डिस्टेंशिंग का पूर्ण रुप से उल्लंघन किया था।

इस मजहबी बैठक में भाग लेने वाले दो फिलिस्तीनी नागरिक कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए, और इन दोनों के संक्रमित होने की पुष्टि के साथ ही गाजा में कोरोना संक्रमण का पहला केस सामने आया। संक्रमित मरीजों को रफा शहर के एक अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इससे पहले इजराइल और मिस्र से गाजा में प्रवेश करने वाले लगभग 1,270 लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया था। वेस्ट बैंक में 55 लोगों में कोरोना वायरस का पता चला है। 

एहतियात के तौर पर वेडिंग हॉल और बाजार बंद कर दिए गए हैं। अब यहाँ पर सीमित परीक्षण क्षमताओं के साथ इस क्षेत्र में पैनिक की स्थिति पैदा हो गई है। गाजा में लगभग 20 लाख लोगों की देखभाल के लिए मात्र 60 ICU बेड हैं। कर्मचारियों की भारी कमी के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।

वहीं भारत में दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में मलेशिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब और किर्गिस्तान समेत कई देशों के करीब 2500 से अधिक लोगों ने 1 से 15 मार्च तक तब्लीग-ए-जमात में हिस्सा लिया था। अब इनका पता लगने के बाद पूरे इलाके की कड़ी निगरानी की जा रही है और हर संदिग्ध को अस्पताल में एहतियात के तौर पर भर्ती किया जा रहा है। इनमें से 24 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव निकल आई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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