अपनी विदेश यात्रा के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ का एक महिला से हाथ मिलाना उनके लिए मुसीबत का सबब बन गया है। पाकिस्तान के कट्टरपंथियों ने इसे हराम बताते हुए उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई है। पाकिस्तान के देवबंदी मौलाना अब्दुल अजीज गाजी ने शाहबाज़ शरीफ को अल्लाह का डर दिखाया है। तालिबानियों को बेशर्म इंसान कहने के साथ मौलाना ने हिना रब्बानी खार को भी अय्याश शब्द से सम्बोधित किया है।
जानकारी के मुताबिक पिछले माह नवम्बर में शाहबाज़ शरीफ तुर्की के दौरे पर गए थे। शाहबाज़ तुर्की को चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) में शामिल होने का न्योता देने गए थे। इस दौरान इस्ताम्बुल शहर में उन्होंने एक महिला से हाथ मिला लिया था। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की इस हरकत पर आग बबूला हुए देवबंदी मौलाना ने इसे इस्लाम के खिलाफ बताते हुए शाहबाज़ को अल्लाह से डरने की नसीहत दी है। मौलाना के मुताबिक, शरीफ को खुदा महिला से हाथ मिलाने के गुनाह की सज़ा जरूर देगा। मौलाना का यह बयान वीडियो के साथ वायरल भी हो रहा है।
#Deobandi cleric Molana Abdul Aziz Ghazi: Democracy is an evil system that only brings impious people to power. Pakistan’s Prime Minister Shahbaz Sharif @CMShehbaz shamelessly shook hands with a woman in Istanbul. Inshallah he will be punished by Allah soon. pic.twitter.com/8kwz8cBenK
— SAMRI (@SAMRIReports) December 4, 2022
अभी तक पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से हाथ मिलाने वाली उस महिला की पहचान नहीं हो पाई है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौलाना अब्दुल अजीज गाजी ने लोकतंत्र को भी एक बुरा तंत्र बताया। उन्होंने इसे नास्तिकों का तंत्र कहते हुए गलत लोगों द्वारा चलाया जाने वाला सिस्टम बताया। मौलाना ने शाहबाज़ सरकार में विदेश मंत्रालय संभाल रहीं राज्यमंत्री मंत्री हिना रब्बानी खार को भी उल्टा-सीधा कहा। मौलाना के मुताबिक, तालिबान के दौरे पर गई हिना रब्बानी ने हिजाब नहीं पहना था।
हिना के हिजाब न पहनने को देवबंदी मौलाना ने ‘अय्याशी’ बताया। इसी के साथ मौलाना अजीज गाजी ने तालिबान को भी बिना हिजाब पहने महिला की आवभगत करने के लिए ‘बेशर्म’ शब्द से सम्बोधित किया। मौलाना ने तालिबान और उसके समर्थकों से बिना हिजाब वाली हिना के स्वागत के लिए माफ़ी माँगने को भी कहा है। गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार ने कुछ समय पहले ही मौलाना अब्दुल अजीज से इस्लामाबाद की लाल मस्जिद को खाली करवाया था। तब से वो शाहबाज़ सरकार के खिलाफ खुल कर बयानबाजी कर रहे हैं।