एक तरफ पूरा विश्व कोरोना से जंग लड़ने के लिए अपने डॉक्टरों को तरह-तरह की आधुनिक सुविधाओं के साथ सुरक्षा मुहैया करा रहा है, वहीं पाकिस्तान में कोरोना से जंग लड़ने के लिए सुरक्षा कवच की माँग कर रहे डॉक्टरों को पाकिस्तान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दरअसल बलूचिस्तान के क्वेटा शहर में कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए सरकार द्वारा डॉक्टरों को रक्षात्मक उपकरण नहीं मिलने से नाराज 50 से अधिक डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
The whole world is saluting the doctors for their contribution & fight against corona. In Quetta, Pakistan, they r tortured, arrested & humiliated jst 4 demanding protection kits. #Sharmnak@mazdaki @GulBukhari pic.twitter.com/TD0YO4FAW5
— Zarak khan (@zarak_khaan) April 6, 2020
जानकारी के मुताबिक युवा डॉक्टरों के एक समूह ने मास्क और काले चश्मे जैसे बुनियादी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की माँग करते हुए क्वेटा शहर के मुख्य अस्पताल के सामने से सरकार के खिलाफ में नारेबाजी करते हुए एक रैली निकाली। इसके बाद डॉकटरों की रैली ने उग्र रूप ले लिया और मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर विरोध प्रदर्शन करते हुए बढ़ गई।
इसी बीच कुछ प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने सीएम आवास में घुसने का प्रयास किया तो इसे देख पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। देखते ही देखते पुलिस और स्वास्थ्य कर्मचारियों के बीच तीखी झड़प के साथ हाथापाई शुरू हो गई। इस दौरान पुलिस ने 53 डॉक्टरों को कानून का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। वहीं डॉक्टरों के साथ पुलिस द्वारा की प्रताड़ना से नाराज डॉक्टरों ने सरकार को काम न करने की भी धमकी दी है।
#Pakistan Dozens of doctors demanding virus safety equipment arrested in Pakistan #AFP #Covid_19 pic.twitter.com/WBidpwQwhu
— AFP Photo (@AFPphoto) April 6, 2020
दरअसल डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन देश में सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी को लेकर सरकार की नीतियों के खिलाफ था। डॉक्टरों के उग्र होने की वजह एक यह भी है कि अब तक 13 डॉक्टरों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इतना ही नहीं, कथित तौर पर मार्च महीने में एक डॉक्टर और एक नर्स की कोरोना से मौत भी हो चुकी है। वहीं क्वेटा यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष यासिर अचकजई ने खुलासा किया कि पाकिस्तान की सरकार डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों को कोरोना से जंग लड़ने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का दावा कर रही है।
सरकार के प्रवक्ता लियाकत शहवानी ने कहा कि हमने डॉक्टरों को आश्वासन दिया था कि आपको जल्द ही पीपीई प्रदान किया जाएगा, लेकिन उन्होंने पहले ही इसका विरोध शुरू कर दिया। आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोरोना वायरस की चपेट में आने से पाकिस्तान में अब तक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 3,277 से अधिक हो गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले, ईरान के साथ सीमा पर स्थित तफ्तान शिविर में पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिसमें गंदे, भीड़ भरे शिविरों को दिखाया गया था। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में लोगों को फर्श पर और गलियारों में सोते हुए दिखाया गया था, जोकि गंदे आँगन में खड़े टेंट में बंद थे। इसके अलावा पाकिस्तान सरकार ने बीमार तीर्थ यात्रियों का इलाज कराने के लिए अलग से कोई प्रयास नहीं किया है।
ऑल्टन्यूज चाहे तो अब वहाँ के कमिश्नर से बात करके बता दे कि ऐसी कोई बात नहीं हुई है और ये कम्यूनल खबर फैला कर पाकिस्तान को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। भारत की वेबसाइट ऑल्टन्यूज ने यही किया है दो दिन पहले, जब कराची में हिन्दुओं को खाना नहीं देने वाली खबर आई थी तो उसके फैक्ट चेक के नाम पर उसने ऐसी ही गंदगी फैलाई थी।