Saturday, November 16, 2024
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लाहौर में हिंदू तीर्थयात्री की गोली मारकर हत्या, परिवार के साथ जा रहे थे दर्शन के लिए नानकाना साहिब: अपराधियों ने लाखों रुपए की नकदी और समान भी लूटा

तीन हथियारबंद लुटेरों ने उनकी कार को रोककर उनसे 4,50,000 पाकिस्तानी रुपये और ड्राइवर से 10,000 रुपये लूट लिए। राजेश ने जब इसका विरोध किया, तो लुटेरों ने उन पर गोलियाँ चला दीं।

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराध का एक और दर्दनाक मामला सामने आया है। गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती के अवसर पर ननकाना साहिब जा रहे सिंध प्रांत के लरकाना के रहने वाले राजेश कुमार को रास्ते में लुटेरों ने गोली मार दी। यह घटना पंजाब प्रांत के मनानवाला-ननकाना साहिब रोड पर हुई, जो लाहौर से लगभग 60 किलोमीटर दूर है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजेश कुमार अपने दोस्त और बहनोई के साथ कार से यात्रा कर रहे थे। बुधवार (13 नवंबर 2024) की रात, तीन हथियारबंद लुटेरों ने उनकी कार को रोककर उनसे 4,50,000 पाकिस्तानी रुपये और ड्राइवर से 10,000 रुपये लूट लिए। राजेश ने जब इसका विरोध किया, तो लुटेरों ने उन पर गोलियाँ चला दीं। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ गुरुवार (14 नवंबर 2024) को उनकी मौत हो गई।

घटना के बाद राजेश के बहनोई की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात लुटेरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालाँकि, अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह मामला न केवल पाकिस्तान में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े करता है, बल्कि वहाँ के अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता भी पैदा करता है।

गुरु नानक जयंती के उत्सव में उमड़ा जनसैलाब

राजेश कुमार ननकाना साहिब में आयोजित गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती के मुख्य समारोह में शामिल होने जा रहे थे। शुक्रवार (15 नवंबर 2024) को आयोजित इस कार्यक्रम में 2,500 से अधिक भारतीय तीर्थयात्री और बड़ी संख्या में स्थानीय और विदेशी श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। गुरुद्वारा जन्मस्थान ननकाना साहिब में हुए इस कार्यक्रम में इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के सचिव फरीद इकबाल और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) के अध्यक्ष रमेश सिंह अरोड़ा ने तीर्थयात्रियों का स्वागत किया।

हालाँकि राजेश कुमार की हत्या ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल के वर्षों में पाकिस्तान में हिंदू, सिख और ईसाई समुदायों पर हमले बढ़े हैं। यह घटना न केवल एक व्यक्ति की जान जाने की कहानी है, बल्कि एक बड़े समुदाय के लिए डर और असुरक्षा का प्रतीक भी है। पाकिस्तान सरकार और पुलिस द्वारा अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दावे बार-बार विफल हो रहे हैं। राजेश कुमार जैसे निर्दोष लोग इस विफलता की भेंट चढ़ रहे हैं। पाकिस्तान सरकार को चाहिए कि वह इस मामले में जल्द कार्रवाई करे, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और अल्पसंख्यक समुदायों के मन में व्याप्त भय को दूर किया जा सके।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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