Monday, November 18, 2024
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पाक में इमरान से ‘आज़ादी’ का मार्च: Pok में भी ढीले पड़े तेवर, कहा- ना पार करें LoC

कट्टरपंथी नेता फजलुर रहमान की चुनौती से पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर कारोबारियों संग मीटिंग करते दिखे थे। रहमान ने अपने मार्च को सरकार के खिलाफ जंग करार दिया है।

कश्मीर राग अलापते-अलापते पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की खुद की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख फजलुर रहमान ने उनकी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए आजादी मार्च का ऐलान किया है। इधर, पीओके में भी इमरान के तेवर ढीले पड़ने लगे हैं। उन्होंने शनिवार को यहॉं जुटे अलगाववादियों को नियंत्रण रेखा पार नहीं करने की चेतावनी दी।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने के बाद से ही पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है। दुनिया भर में वह कश्मीर पर प्रोपगेंडा फैलाने की कोशिश कर रहा है। हालॉंकि उसे इस दिशा में कोई खास समर्थन अब तक नहीं मिल पाया है। डॉन की ख़बर के अनुसार, पेशावर में शनिवार (5 अक्टूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेन्स कर फ़ज़लुर रहमान ने अपने ‘आज़ादी’ मार्च को इमरान सरकार के ख़िलाफ़ जंग करार दिया।

बेहद तल्ख़ अंदाज़ अपनाते हुए उन्होंने कहा कि यह जंग तब तक जारी रहेगी जब तक इमरान ख़ान की सरकार चली नहीं जाती। उन्होंने 27 अक्टूबर को सरकार के ख़िलाफ़ एक मार्च निकालने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा,

“हमारी रणनीति एकसमान नहीं रहेगी। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इसमें बदलाव करते रहेंगे। पूरे देश से लोगों का जनसैलाब इस मार्च में भाग लेने आ रहा है और फ़र्ज़ी शासक इसमें एक तिनके की तरह डूब जाएँगे।”

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इसके लिए अन्य विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिल रहा है, उन्होंने कहा, “मैं उन्हें मार्च में देखने की उम्मीद करता हूँ। सभी पार्टियाँ इस बात को लेकर सहमत हैं कि बीते वर्ष हुआ चुनाव फ़र्ज़ी था और दोबारा चुनाव कराए जाने चाहिए, उन्हें निश्चित ही हमारे मार्च में शामिल होना चाहिए।”

कट्टरपंथी नेता फजलुर रहमान की चुनौती से पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा अपने अधिकार क्षेत्र से परे जाकर कारोबारियों संग मीटिंग करते दिखे थे। कुर्सी पर बढ़ते खतरे के बीच कश्मीर पर भी इमरान के तेवर ढीले पड़ते जा रहे हैं।

शनिवार को ट्वीट में उन्होंने पीओके के लोगों से कहा, AJK (पाक अधिकृत कश्मीर) में कश्मीरियों के गुस्से को मैं समझता हूँ। उन्हें सीमा पार के अपने साथियों की चिंता है, लेकिन किसी भी व्यक्ति का मानवीय सहायता के लिए एलओसी पार करना भारत के नैरेटिव को मजबूत करेगा।”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि कोई भी एलओसी पार करेगा तो उसे दुनिया के सामने पाकिस्तान प्रायोजित इस्लामी आतंकवाद करार दिया जाएगा। उन्होंने अपने लोगों को भारत द्वारा किए गए स्ट्राइक की याद दिलाते हुए कहा कि भारत स्ट्राइक करने से पीछे नहीं हटेगा। जरूरत पड़ने पर वो एलओसी के पार भी हमला कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने अलगाववादियों से वापस जाने का भी अनुरोध किया है।

दरअसल, जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने वाले अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने के लगभग 2 महीने बाद भी पाकिस्तान लगातार कश्मीर में घुसपैठ कराने की कोशिश में है। जानकार के अनुसार, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में एलओसी के पास सैकड़ों पाकिस्तानी इकट्ठा हो गए हैं, जो भारत को ‘आजादी मार्च’ के लिए घुसपैठ कराने के लिए तैयार हैं। इस रैली का आयोजन अलगाववादी समूह जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के नेता यासीन मलिक के समर्थकों ने किया है। इस रैली का उद्देश्य पीओके से शुरू होकर एलओसी को पार करना है।

पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सैकड़ों प्रदर्शनकारी पीओके के मुजफ्फराबाद में इकट्ठा हुए हैं और वो एलओसी पार करके श्रीनगर पहुँचने की फिराक में हैं। जेकेएलएफ के प्रवक्ता रफीक डार ने पाकिस्तानी न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा कि एलओसी पार करने के लिए पाकिस्तानियों के पास सभी ‘कानूनी अधिकार’ हैं क्योंकि वे “कश्मीरियों के विभाजन को मान्यता नहीं देते हैं”। इतना ही नहीं, उन्होंने तो पाकिस्तानी सैनिकों से उन्हें घुसपैठ करने की अनुमति देने की भी अपील की है।

खबरों के अनुसार, पीओके में 50 महिलाओं समेत 500 से अधिक लोग इकट्ठा हुए हैं और एलओसी पार करने के लिए ‘शांतिपूर्ण मार्च’ करने वालों की कुल संख्या 3,000 के करीब है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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