पाकिस्तान में लोग आटे के लिए मार काट करने के लिए तैयार हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। पीओके में जनता सड़कों पर उतर कर इंस्पेक्टर को पीट कर मार चुकी है। इसी बीच 14 मई 2024 को ‘दुबई अनलॉक’ नाम की फाइल सामने आई है, जिसे इंटरनेशनल खोजी पत्रकारों ने जारी की है। इस फाइल में यूएई में प्रॉपर्टी में निवेश करने वालों के बारे में जानकारी है, जिसमें बताया गया है कि एक तरफ पाकिस्तान की जनता खाने-पीने के सामान के लिए मारामारी कर रही है, तो दूसरी ओर पाकिस्तान के भ्रष्ट नेता, ब्यूरोक्रेट्स और आर्मी के बड़े अफसर अरबों की काली कमाई से यूएई के अंदर हजारों प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं।
दुबई अनलॉक के लिए सेंटर फॉर एडवांस्ड डिफेंस स्टडीज (C4ADS) और संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) ने काम किया है, जिसने बताया है कि दुबई के अंदर लक्जरी प्रॉपर्टीज में किन लोगों ने निवेश किया है। अकेले पाकिस्तानियों ने यूएई में 11 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्तियाँ खरीदी है। एक तरफ पाकिस्तान की जनता भूख से बेहार है, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान के भ्रष्ट सैन्य अधिकारी और अमीर नेता लोग यूएई में प्रॉपर्टीज बना रहे हैं।
इस जाँच के दौरान पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बच्चों, नवाज शरीफ के बेटे हुसैन नवाज शरीफ, गृहमंत्री मोहसिन नकवी की बीवी, शरजील मेमन और उसके परिवार, सीनेटर फैसले वावदा, फराह गोगी, शेर अफजल मारवत जैसे नेशनल और स्टेट असेंबली के मेंबर्स के पास यूएई में संपत्तियों की जानकारी सामने आई है। इस सूची में पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज, कई रिटायर्ड आर्मी जनरल, पुलिस चीफ, राजदूत और वैज्ञानिक तक के पास यूएई में संपत्ति है।
खास बात ये है कि मौजूदा राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को साल 2014 में एक संपत्ति गिफ्ट के तौर पर मिली थी। साल 2018 में उन्होंने कागजों पर इसे दिखाया भी था, लेकिन बाद में उन्होंने इसे गिफ्ट में किसी और को दे दिया। ऐसा ही एक नाम अब्दुल गनी माजिद का है, जो एक बिजनेस टाइकून है और जरदारी के साथ फर्जी अकाउंट मामले में सह-अभियुक्त भी हैं। बाद में पता चला कि 319 मिलियन पाकिस्तानी रुपए का ये पेंटहाउस साल 2014 में उन्होंने जरदारी को दे दिया था और जरदारी ने बाद में इसे अपनी बेटी को दे दिया।
एक और पाकिस्तानी नेता मोहनिस नकवी ने दुनिया के अरेबियन रेंचेज में 5 वेडरूम का विला अपनी बीवी के नाम से खरीदा था। लेकिन अपने चुनावी हलफनामे में उसकी जानकारी नहीं दी। ये विला साल 2017 में 329 मिलियन पाकिस्तानी रुपए में खरीदा गया था औऱ अप्रैल 2023 में इसे 344 मिलियन पाकिस्तानी रुपए में बेच भी दिया गया। इस रिपोर्ट में अल्ताफ खनानी नेटवर्क की संपत्तियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। वो मनी लॉन्ड्रिंग का कारोबार करता है। अमेरिका ने मनी लॉन्ड्रिंग पर बैन लगाया हुआ है, लेकिन खनानी के परिवार के सदस्यों की कई संपत्तियाँ मनी लॉन्ड्रिंग के पैसों से ही दुबई में खरीदी गई हैं। इस परिवार के 3 लोगों पर अमेरिका बैन लगा चुका है। इसी तरह से हामिद मुख्तार नाम का डॉक्टर भी दुबई में प्रॉपर्टियों का मालिक है, जिसपर अमेरिका ने बैन लगा रखा है। उस पर मानव तस्करी नेटवर्क चलाने का आरोप है।
यूएई में भारतीयों के पास ज्यादा संपत्ति, लेकिन भारतीय अधिकतर बिजनेसमैन हैं, तो पाकिस्तानियों में अपराधी और सरकारी कर्मचारियों के साथ ही नेताओं-आर्मी अफसरों का गठजोड़ है।
इस रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया है कि पाकिस्तान के अमीर वर्ग ने काफी सारा धन दुबई भेजा हुआ है, जिससे पाकिस्तान में आर्थिक असमानता बढ़ी है। डाटा से पता चला है कि दुबई में संपत्तियाँ खरीदने में भारतीय दुनिया के किसी भी देश से सबसे आगे हैं। दुबई में भारतीयों के नाम 35 हजार से ज्यादा संपत्तियाँ हैं, जिनकी कीमत 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। हालाँकि इस लिस्ट में शामिल सभी भारतीयों के नाम असली हैं और मालिक भी असली हैं। लेकिन पाकिस्तान के जिन लोगों ने यूएई में संपत्तियाँ खरीदी हैं, वो नेता हैं, सेना से जुड़े हैं या आपराधिक कार्यों में लिप्त हैं, यानी कि सारा पैसा काला धन है।
वैसे, यूएई में संपत्ति रखने वाले भारतीयों में नीरव मोदी जैसे व्यक्ति का भी नाम है, जो अभी लंदन की जेल में बंद है। उसके पास 13,41,900 अमेरिकी डॉलर की कीमत वाले तीन ऑफिस हैं, जो गोल्ड टॉवर में हैं। वहीं, खालिस्तानी आतंकी जममीत हकीमजादा के पास गार्डन होम्स फ्रोंड में 81.75 लाख अमेरिकी डॉलर से ज्यादा कीमत का विला है। चंदन की तस्करी करने वाले शाहुल हमीद दाऊद के नाम पर भी यूएई में प्रॉपर्टी है।
गरीबी, अराजकता और घोर अन्याय
दुबई फाइल्स में पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा यूएई में भारी निवेश पाकिस्तान की खस्ताहाल व्यवस्था को दिखाता है। एक तरफ नेताओं, सैन्य अधिकारियों ने पाकिस्तान के धन को यूएई में भेजकर अपने लिए संपत्तियाँ इकट्ठी कर शाही जिंदगी जी रहे हैं, तो दूसरी ओर पाकिस्तान की आम जनता गरीबी, भोजन की कमी और भयंकर महँगाई की मार झेल रही है। बलूचिस्तान से लेकर पीओके में हो रहे विरोध प्रदर्शन दिखाते हैं, कि कैसे पाकिस्तान अपने नागरिकों की जरूरतों को पूरा कर पाने में विफल साबित हो रहा है। देश चलाने के लिए हुक्मरान दुनिया के दूसरे देशों में भीख माँग रहे हैं और कर्ज माँग रहे हैं, तो पाकिस्तान के गिने चुने लोग अरबों की दौलत विदेशों में इन्वेस्ट करके ऐश कर रहे हैं।