पुलिस वाले रक्षक होते हैं। ऐसा हमें बचपन से बताया जाता है। समय सबसे बलवान होता है, यह भी बताया गया है। लेकिन पाकिस्तान में तो सूअर भी पुलिसवालों से बलवान निकले। कहानी सिंध प्रांत के नौशहरो फिरोज (Naushahro Feroze) जिले के एक थाने की है।
नौशहरो फिरोज जिले स्थित मोरो पुलिस स्टेशन (Moro police station) में मंगलवार (12 जनवरी, 2021) का दिन आम दिन की तरह था। वहाँ के सभी पुलिसवाले आम दिन की तरह अपनी हनक (दुनिया की लगभग हर पुलिस हनक में ही रहती है) में काम कर रहे थे। तभी सूअरों ने थाने पर धावा बोल दिया।
थाने में मौजूद पुलिसवाले अपनी जान बचाने (इस्लाम में सूअर को हराम माना जाता है) को बाहर भागे। मतलब गोली-बंदूक सब थाने के अंदर और सारे के सारे पुलिसवाले खाली हाथ थाने के बाहर! सूअरों का इतना खौफ कि कोई भी अंदर जाने को तैयार नहीं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सूअरों ने थाने पर कब्जा जमाए रखा क्योंकि पुलिसवाले सब बाहर इंतजार कर रहे थे। कुछ देर बाद एक सूअर खुद ही बाहर निकल आया लेकिन दूसरे सूअर को बाहर निकालने के लिए पुलिसवालों को स्थानीय नागरिक (जरूर ही वो गैर-मुस्लिम होगा) की मदद लेनी पड़ी।
हैरत की बात है! जिस पाकिस्तान में गैर-मुस्लिमों के साथ जानवर से भी बदतर सलूक किया जा रहा है, वहाँ इन्हीं गैर-मुस्लिमों की मदद से एक थाने पर से जानवरों (सूअरों) का कब्जा हटवाया गया। गैर-मुस्लिमों को पाकिस्तान में जिंदा रहना है तो धर्म-परिवर्तन ही एकमात्र रास्ता है – इच्छा से या जबरन!