रूस और भारत के संबंध हमेशा से मैत्रीपूर्ण रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शानदार विदेश नीति की बदौलत दोनों देशों के संबंधो में और निखार आया है। रूस-युक्रेन युद्ध और वैश्विक दबाव के बीच भी दोनों देशों के संबंध मजबूत बने रहें। इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की है। उन्होंने मॉस्को में वल्दाई डिस्कशन क्लब की 19वीं वार्षिक बैठक में भारत की सराहना की और पीएम मोदी को देशभक्त बताया। पुतिन ने कहा कि मोदी अपने देश की स्वतंत्र सोच को आगे बढ़ाने में सक्षम हैं।
Russian President Putin calls Indian PM Modi a “Patriot”, lauding his “Make in India” policy; Says “India has made tremendous progress from a British Colony to a modern state” & “future belongs to India” pic.twitter.com/pVoRpJVOQe
— Sidhant Sibal (@sidhant) October 27, 2022
पीएम मोदी ने देश के विकास के लिए शानदार कदम उठाए: पुतिन
पुतिन ने कहा, “भारत ने ब्रिटेन की गुलामी से आधुनिक राज्य बनने के अपने विकास में जबरदस्त प्रगति की है। इसने ठोस विकास परिणाम हासिल किए हैं । भारत के विकास से उसका सम्मान और प्रशंसा बढ़ी है। बीते कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में काफी कुछ किया गया है । वह स्वभाविक रूप से अपने देश के लिए देशभक्त हैं। उनकी ‘मेक इन इंडिया’ की नीति मायने रखती है चाहे वह आर्थिक रूप से हो या नैतिक रूप से। देश के विकास के लिए उन्होंने शानदार कदम उठाएँ हैं । आने वाला भविष्य भारत का है। हमारे बीच एक विशेष रिश्ता है। हमारे बीच घनिष्ठ संबंध हैं।”
भविष्य में भारत की एक बड़ी भूमिका होगी
पुतिन ने वहीं पीएम मोदी की सराहना करते हुए कहा, “मोदी स्वतंत्र विदेश नीति का संचालन करने में सक्षम हैं। मुझे यकीन है कि भविष्य में भारत की एक बड़ी भूमिका होगी। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने की वजह से भारत खुद पर गर्व करता है, लेकिन देश जिस तरह से प्रगति के रस्ते पर है, वह भी गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत ने बहुत अच्छे नींव का निर्माण किया है । हमारे भारत के साथ कई दशकों से मधुर संबंध रहे हैं।”
पुतिन ने कहा- हमारे (भारत और रूस ) बीच कभी भी कोई मुश्किल मुद्दे नहीं रहे
पुतिन ने जोर देकर कहा, “हमारे (भारत और रूस ) बीच कभी भी कोई मुश्किल मुद्दे नहीं रहे हैं। हमने हमेशा एक दूसरे को सपोर्ट किया। और यही इस समय हो रहा है। मैं निश्चिन्त हूँ की यही भविष्य के भी संकेत हैं।”
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी भारत का स्टैंड क्लियर रहा है। भारत ने दोनों देशों को युद्ध बंद करने की सलाह जरूर दी, लेकिन वैश्विक मंचो पर भारत रूस के खिलाफ वोटिंग में शामिल नहीं हुआ। यहाँ तक की अमेरिका और पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद भारत ने रूस से तेल खरीदा।