सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। इसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तस्वीर लगी है। इसके नीचे लिखा है- जिंदा या मुर्दा। साथ ही पोस्ट में कहा गया है कि जो पुतिन को पकड़ेगा उसे 10 लाख डॉलर (करीब साढ़े सात करोड़ रुपए) दिए जाएँगे। यह पोस्ट एलेक्स कोनानीखिन (Alex Konanykhin) का बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्टों में उसे रूस का कारोबारी का बताया गया है। हालाँकि लिंक्डइन पर कोनानीखिन ने इस तरह का पोस्ट करने की बात को खारिज किया है।
कोनानीखिन ने लिंक्डइन पर लिखा है, “कुछ रिपोर्टों में दावा किया गया है कि मैंने पुतिन की हत्या के लिए इनाम देने का वादा किया है। यह सही नहीं है। हालाँकि इस तरह के परिणाम से दुनिया भर के लाखों लोग खुश होंगे, मगर मेरा मानना है कि पुतिन को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाना चाहिए।”
बता दें कि पुतिन के सिर पर इनाम रखने के कोनानीखिन के कथित पोस्ट में कहा गया खा है, “मैं वादा करता हूँ कि जो भी अधिकारी अपनी संवैधानिक ड्यूटी का पालन करेगा और पुतिन को एक युद्ध अपराधी के तौर पर रूस और अंतरराष्ट्रीय कानून के अंतर्गत गिरफ्तार करेगा, मैं उसको $1,000,000 दूँगा।”
इसमें आगे कहा गया है, “पुतिन रूस के राष्ट्रपति नहीं हैं। उन्होंने स्पेशल ऑपरेशन के तहत रूस के कई अपार्टमेंट, बिल्डिंग को उड़ा दिया। इसके बाद उन्होंने इलेक्शन नहीं करवाए, संविधान की धज्जियाँ उड़ाईं गई। उन्होंने अपने विरोधियों की हत्या करवाई।” वायरल हो रहे स्क्रीनशॉट में एलेक्स ने ये भी लिखा है कि रूस का नागरिक होने के नाते, ये उनका नैतिक कर्तव्य है कि रूस को नाजीवाद और उसके प्रभाव से छुटकारा दिलाने के लिए वो मदद करे। वो लगातार यूक्रेन की मदद करेंगे, जिसने इस युद्ध में एक नायक की तरह पुतिन के खिलाफ अपना पक्ष दिखाया है।
रूस के खिलाफ जाँच करेगी ICC
इस बीच, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने घोषणा की है कि वह यूक्रेन पर आक्रमण के बाद किए गए संभावित युद्ध अपराधों पर रूस की जाँच करेगा। एक बयान में आईसीसी के मुख्य अभियोजक करीम खान ने खुलासा किया कि उनका मानना है कि यूक्रेन में कथित युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ अपराध किए गए हैं। जल्द ही रूस के खिलाफ जाँच शुरू की जाएगी।
कौन हैं एलेक्स कोनानीखिन
एलेक्स कोनानीखिन को रूसी सरकार का मुखर आलोचक माना जाता है। जेरुसलम पोस्ट के एक आर्टिकल के मुताबिक मॉस्को फिजिक्स एंड टेक्निकल इंस्टीट्यूट में एलेक्स की पढ़ाई पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद उन्होंने स्टूडेंट कंस्ट्रक्शन कोऑपरेटिव की शुरुआत की। न्होंने कई दूसरे बिजनेस भी किए। इनमें बैंकिंग, स्टॉक्स, और रियल इस्टेट शामिल हैं। 25 साल की उम्र आते-आते उनके पास 100 फर्म थीं।
1992 में उनकी कंपनियों की कमाई 22 अरब रुपए से ज्यादा थी। इस साल वह रूस के राष्ट्रपति बोरिस येल्सिन के साथ वाशिंगटन जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के भी हिस्सा थे। लेकिन साल 1996 में उन्हें और उनकी पत्नी को वीजा में धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। बाद में वह वहाँ से चेक गणराज्य और बाद में न्यूयॉर्क आ गए। उन्होंने बोरिस येल्तिसिन और रूसी अधिकारियों से जान को खतरे का भी आरोप लगाया था। साल 2011 में उन्होंने Transparent Business की स्थापना की, जो उन कंपनियों की मदद करती है, जो रिमोटली वर्कफोर्स के तौर पर काम करती हैं।