बकरीद के दिन स्वीडन में मुस्लिमों के धार्मिक किताब कुरान जलाने की घटना (Quran Burning in Sweden) का इस्लामी मुल्कों में विरोध हो रहा है। कुरान की प्रति को यूरोपीय देश स्वीडन में रहने वाले एक इराकी नागरिक ने जलाया था। इस घटना के बाद गुरुवार (29 जून 2023) को इराक में दर्जनों प्रदर्शनकारी ने स्वीडन के दूतावास में घुस गए।
स्वीडन के स्टॉकहोम शहर के सबसे बड़ी मस्जिद के सामने कुरान को जलाने वाले शख्स का नाम सलवान मोमिका (Salwan Momika) है और उसकी उम्र 37 साल है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोमिका कई साल पहले इराक से भागकर स्वीडन आ गए थे।
मोमिका ने कुरान को जलाने से पहले उसे पैरों से कुचला, पन्ने फाड़े और फिर आग के हवाले कर दिया था। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। मोमिका ने इस प्रदर्शन को जल्दी ही दोहराने की बात कही है। उन्होंने कहा, “10 दिनों के भीतर मैं स्टॉकहोम में इराकी दूतावास के सामने इराकी झंडा और कुरान जलाऊँगा।”
इस्लामी धर्मग्रंथ जलाने के विरोध में इराक के शिया नेता मुक्तदा अल-सद्र (Muqtada al-Sadr) के समर्थक दूतावास की इमारत में घुस गए और करीब 15 मिनट तक अंदर रहे। सुरक्षाबलों की तैनात करने ही वे वहाँ से निकल गए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने स्वीडिश राजदूत को हटाने की माँग की।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पर्चे भी बाँटे। इन पर्चों में अरबी और अंग्रेजी में लिखा था, “हमारा संविधान कुरान है। हमारा नेता अल-सद्र है।” दूतावास की ओर जाने वाले गेट पर भी ‘हाँ, कुरान के लिए हाँ’ लिखा गया था। अल-सद्र के समर्थकों ने LGBTQ समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले इंद्रधनुषी झंडों को भी आग लगा दी।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मौलवी ने सुझाव दिया था कि यह कुरान जलाने का समर्थन करने वालों को उकसाने का सबसे अच्छा तरीका होगा। वहीं, स्वीडन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे स्थिति के बारे में जानकारी है और दूतावास के सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।
इराक के विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुरान जलाने जैसी हरकतें दुनिया भर के मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काने वाली हैं। वहीं, सऊदी अरब ने भी कुरान जलाने की निंदा की है। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने इसे इस्लाम पर ‘घृणित और बार-बार होने वाले हमलों’ का हिस्सा बताया।
वहीं, 57 सदस्यीय इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने कहा कि वह स्थिति पर चर्चा के लिए एक आपातकालीन बैठक आयोजित करेगा। वार्ता संभवत: रविवार (2 जुलाई 2023) को सऊदी अरब के जेद्दा में होगी।
बताते चलें कि मोमिका ने कुरान जलाकर प्रदर्शन की इजाजत स्वीडिश पुलिस से माँगी थी, लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और आखिरकार इसकी इजाजत मिली। उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार के तहत इसकी इजाजत दी गई थी।
जिस समय यह प्रदर्शन किया जा रहा था, उस वक्त लगभग 200 लोग वहाँ दर्शक के तौर पर खड़े थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए और प्रदर्शनकारियों को पत्थर फेंकने की कोशिश की। पत्थर फेंकने वाले को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
जिस मस्जिद के सामने यह प्रदर्शन किया गया, उसके निदेशक एवं इमाम महमूद खल्फी ने कहा कि ईद अल-अधा के दिन मस्जिद के सामने विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने के कारण वे निराश थे। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस चाहती तो इस प्रदर्शन को कहीं और करने के लिए कह सकती थी।