अमेरिकी सांसद रशीदा तलीबी ने यूएस कॉन्ग्रेस के जॉइंट सेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का बहिष्कार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं। पीएम मोदी पहले ऐसे भारतीय नेता हैं, जिन्होंने अमेरिकी कॉन्ग्रेस के जॉइंट सेशन को 2 बार संबोधित किया। अमेरिका की डेमोक्रेट पार्टी की सांसद इल्हान उमर और रशीदा तलीब ने उनके भाषण के बहिष्कार का ऐलान किया है। रशीदा तलीबी मिशिगन 12th डिस्ट्रिक्ट की सांसद हैं।
उन्होंने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे को शर्मनाक तक करार दिया। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मानवाधिकार उल्लंघन के लंबे इतिहास, लोकतंत्र-विरोधी कार्रवाइयाँ और मुस्लिमों-धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना और उनके द्वारा पत्रकारों को सेंसर करना अस्वीकार्य है।” जबकि सच्चाई ये है कि रशीदा तलीब खुद आतंकवादियों की हमदर्द रही हैं। साथ ही वो अमेरिकी संसद में भी यहूदियों के खिलाफ अपने घृणा का प्रदर्शन करती रही हैं।
वो एक पैनल में भी शामिल हुई, जिसका काम कश्मीर पर भारत विरोधी प्रोपेगंडा का प्रसार करना है। साथ ही उसका एक अन्य उद्देश्य है भारत के खिलाफ घृणा प्रदर्शित करना। ये पैनल शिकागो स्थित ‘साउंड विजन’ से जुड़ा हुआ है, जो ‘इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (ICNA)’ का एक हिस्सा है। ICMA के तार हमास से भी जुड़े हुए हैं। ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’, जमात-ए-इस्लामी और अन्य इस्लामी आतंकी संगठनों से भी इसके संबंध हैं।
ICMA ने अपने मुखपत्र ‘द मैसेज’ में अमेरिका द्वारा आतंकी घोषित किए जा एचके सैयद सलाहुद्दीन का महिमामंडन किया था। उसने लिखा था कि वो मुजाहिद्दीन का नेता है जो कश्मीर को ‘क्रूर भारतीय कब्जे’ से आज़ाद कराने में लगा हुआ है। यहूदी विरोधी तलीब मानती हैं कि इजरायल को अपने अस्तित्व का भी कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने इजरायल के अस्तित्व को ‘नकबा (तबाही)’ बताते हुए एक कार्यक्रम के आयोजन की साजिश भी रची थी।
अमेरिकी राजधानी में प्रस्तावित इस कार्यक्रम को इजरायल विरोधी संगठनों का समर्थन प्राप्त था। लेकिन, अमेरिका के हाउस स्पीकर ने इस कार्यक्रम को प्रतिबंधित कर दिया। रशीदा तलीब फिलिस्तीनी मूल की हैं। वो इजरायल की सरकार को नस्लवादी कहती हैं। उन्होंने एक इजरायल विरोधी संगठन को 1.70 लाख डॉलर (1.39 करोड़ रुपए) भी दान में दिए थे। हिटलर द्वारा यहूदियों के नरसंहार पर भी उन्होंने विवादित बयान दिया था।
We hope @RashidaTlaib will use the time she gets when she is boycotting Modi’s speech to study the 1971 genocide- that many of her supporters from Muslim Brotherhood and Jamaat-e-Islami committed. It led to the butchering of 3 million people.
— HinduACTion (@HinduACT) June 20, 2023
Since she cares about human rights… https://t.co/EGk4VRIQml
उन्होंने इस नरसंहार पर ख़ुशी मनाने की बात कही थी, लेकिन फिर अपने बयान को बदल दिया। बाद में सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि अपने फिलिस्तीनी पूर्वजों के दर्द को याद दिलाने के लिए उन्होंने ऐसा किया था। इल्हाना उमर ने जब अमेरिका में हुए 9/11 हमलों को लेकर कहा था कि ‘कुछ लोगों ने कुछ कर दिया’, तब रशीदा तलीब ने इस बयान का समर्थन करते हुए कहा था कि हमारे बयानों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है।