श्रीलंका ने रावण को एविएशन तकनीक का जनक बताते हुए उसके पुष्पक विमान को लेकर रिसर्च शुरू किया है। बता दें कि रावण वाल्मीकि रचित रामायण का विलेन है और श्रीराम ने उसका वध किया था। श्रीलंका की सरकार का कहना है कि उस युग में पूरी दुनिया के एविएशन जगत में उस क्षेत्र की तूती बोलती थी और इस पर वृहद रिसर्च शुरू किया गया है। इसके लिए एडवर्टाइजमेंट भी दिया गया है।
न्यूज 18 की ख़बर के अनुसार, श्रीलंका सरकार ने विज्ञापन जारी किया है कि अगर किसी भी व्यक्ति को रावण व उसकी एविएशन तकनीक के बारे में कोई भी जानकारी है, कोई पुस्तक या दस्तावेज हैं तो वो सरकार से संपर्क कर सकते हैं। श्रीलंका के ‘मिनिस्ट्री ऑफ टूरिज्म एंड एविएशन’ ने अख़बारों में ये विज्ञापन जारी किया। श्रीलंका के खोए गौरव को फिर से हासिल करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
न्यूज़ 18 की खबर के अनुसार, श्रीलंका सरकार का मानना है कि रावण विश्व का पहला एविएटर था जो 5000 वर्ष पूर्व भी आसमान में उड़ा करता था। वहाँ का सिविल एविएशन अथॉरिटी पता लगाने में जुटा है कि उस समय एयरक्राफ्ट उड़ाने में किस तकनीक व विधि का उपयोग किया जाता था। पिछले साल श्रीलंका के सबसे बड़े बंदारनाईके एयरपोर्ट में इतिहासकारों और एविएटर्स की एक सभा भी हुई थी।
श्रीलंका के सिविल एविएशन अथॉरिटी के पूर्व उपाध्यक्ष शशि दानतुंगे ने कोलम्बो से फोन पर ‘न्यूज़ 18’ से बातचीत करते हुए कहा कि रावण एयरक्राफ्ट उड़ाने वाला पहला व्यक्ति था और साथ ही एविएशन का अगुआ था। उन्होंने रावण को एक जीनियस करार देते हुए कहा कि वो एक एविएटर था। उन्होंने कहा कि ये सब माइथोलॉजी नहीं है बल्कि वास्तविकता है, इतिहास है। उन्होंने दावा किया कि 5 सालों के रिसर्च के बाद श्रीलंका इसे साबित कर देगा।
The Sri Lankan government has issued an advertisement asking people to share documents to prove that Ravana, the villain of Hindu epic Ramayan, was the first aviator in the world. #Ravana #Ramayan #SriLanka https://t.co/1MLLwZHNCl
— India TV (@indiatvnews) July 19, 2020
श्रीलंका में सिविल एविएशन विशेषज्ञों के हुए कॉन्फ्रेंस में भी ये निष्कर्ष निकाला गया कि रावण एयरक्राफ्ट से भारत गया था और फिर वापस लौटा था। हालाँकि, उन्होंने रावण को बुरा बताने वाली कहानियों को भारतीय वर्जन बताया और कहा कि वो एक अच्छा राजा था। श्रीलंका में कई लोग रावण को बहुत बड़ा विद्वान मानते हैं। रामायण में भी उसे समस्त वेद-वेदांगों का पारंगत बताया गया है।
बता दें कि ‘रावण-1’ श्रीलंका का ऐसा सैटेलाइट है, जिसे अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया गया था। जून 17, 2019 को ये प्रक्रिया सफलतापूर्वक संचालित की गई थी। इसे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से कक्षा में स्थापित किया गया था। यह सैटेलाइट धरती से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कक्षा में पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। श्रीलंका के इस पहले सैटेलाइट (कक्षा में स्थापित) का वजन 1.5 किलोग्राम है।