रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध (Russia-Ukraine War) अपने चरम पर पहुँच चुका है। रूस ने यूक्रेन को भारी नुकसान पहुँचाया है। अभी तक कई सैनिकों की मौत भी हो चुकी है। इस बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने यूक्रेन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन की सेना हथियार डाले तभी आगे की बातचीत संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि मॉस्को नहीं चाहता कि यूक्रेन पर ‘नव-नाजियों’ का शासन हो। बता दें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने रूस को बातचीत का प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद रूस के विदेश मंत्री का बयान आया है।
फिलहाल यूक्रेन में स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी हुई है। रूस के चौतरफा हमले की वजह से यूक्रेन को भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन के चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट के पास गुरुवार (24 फरवरी) की रात रूसी सेना ने हमले किए। यहाँ कई धमाके भी हुए। इसके चलते इस एटमी प्लांट में रेडिएशन लेवल बढ़ गया है। यूक्रेन की न्यूक्लियर एजेंसी ने इसकी पुष्टि की।
इस इलाके में रहने वाले हजारों लोगों को रेडिएशन लेवल बढ़ने से जान का खतरा पैदा हो गया है। उन्हें आने वाले समय में सेहत संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं। इस बीच यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने नागरिकों से कहा है कि वे रूसी सेना के मूवमेंट के बारे में जानकारी देते रहें। इसके साथ ही उन पर पेट्रोल बम फेंकें।
इधर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूसी सेना राजधानी कीव में जल्द ही दाखिल हो जाएगी। रूसी टैंक कीव से 32 किलोमीटर दूर हैं। इन्हें रोकने के लिए यूक्रेनी सेना ने तीन पुल उड़ा दिए हैं। जेलेंस्की ने आशंका जताई है कि 96 घंटे यानी 4 दिनों में कीव पर रूस का पूरी तरह कब्जा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रूसी सेनाएँ रिहाइशी इलाकों को टारगेट कर रही हैं।
रूस ने कहा कि गुरुवार को यूक्रेन के 14 इलाकों में 203 हमले किए गए। 83 लैंड बेस्ड टारगेट हिट किए गए। रूसी सेनाओं ने चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा कर लिया है। कीव के नजदीक यूक्रेनी एयरबेस पर भी रूस का कब्जा हो चुका है। रूसी एयरक्राफ्ट एंटनोव-26 यूक्रेन के करीब वोरोनेज इलाके में क्रैश हो गया। रूस ने कहा कि यह एयरक्राफ्ट इक्विपमेंट ट्रांसपोर्ट कर रहा था। एयरक्राफ्ट के क्रू मेंबर्स की मौत हो गई है। हालाँकि रूस ने यह नहीं बताया कि इनकी संख्या कितनी है।
कल भी रूस ने कहा था कि अगर यूक्रेन के सैनिक अपने हथियार डाल देंगे तो युद्ध रोक दिया जाएगा। उसने इस बात पर भी जोर दिया था कि उनके पास युद्ध के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा था। उनके देश को यूक्रेन में चल रही गतिविधियों से खतरा था, ऐसे में उन्होंने इस सैन्य कार्रवाई को मंजूरी दी थी।