कश्मीर मामले पर ‘रूसी मीडिया’ के प्रोपगेंडे को रूस की पुतिन सरकार ने लताड़ लगाई है। कश्मीर के हालातों को फिलिस्तीन से जोड़ने वाली डॉक्यूमेंट्री की झलक दिखाते हुए रेडफिश डिजिटल मीडिया ने कुछ समय पहले एक ट्वीट किया था। इसी ट्वीट पर पुतिन सरकार की प्रतिक्रिया आई और उन्होंने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि कश्मीर पर होने वाली कोई भी बात भारत-पाकिस्तान का आपसी मसला है।
उल्लेखनीय है कि ट्विटर पर रेडफिश डिजिटल मीडिया को रूस का सरकारी मीडिया बताया गया है। रेडफिश ने खुद को तमाम अवार्ड जीतने वाले मीडिया के तौर पर ट्विटर पर पेश किया है। जानकारी के मुताबिक, इसी मीडिया ने पिछले दिनों एक डॉक्यूमेंट्री शेयर की थी जिसमें कश्मीर के हालातों की तुलना फिलिस्तीन से हो रखी थी। जब डॉक्यूमेंट्री देख लोगों ने इस पर आवाज उठाई और इसका विरोध हुआ तो रूसी दूतावास को इस मामले पर अपना बयान जारी करना पड़ा।
Russia rubbishes report on Kashmir; says it is Indo-Pakistan bilateral issue https://t.co/9NtUOw8OYL
— AryemanIndiaTV (@AryemanR) February 7, 2022
रूसी दूतावास ने एक बयान में साफ कहा, ”कश्मीर के मुद्दे और द्विपक्षीय विवादों में रूस के हस्तक्षेप नहीं करने के सिद्धांत को लेकर उसके आधिकारिक रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। कश्मीर मसले का समाधान सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच ही हो सकता है और यह केवल 1972 के शिमला समझौते (Simla Agreement of 1972) और 1999 के लाहौर डिक्लेरेशन (Lahore Declaration of 1999) के तहत ही पूरा होगा।”
एबेंसी ने आगे अपने बयान में ये जानकारी भी दी कि रेडफिश का रूसी सरकारी मीडिया से लेना-देना नहीं है। चैनल ने भ्रामक लेबल अपने ट्विटर पर लगाया हुआ है। इस मीडिया को सरकार का समर्थन नहीं है। चैनल पूर्णत: स्वतंत्र है और ये अपनी संपादकीय नीतियों से चलता है। दूतावास के बयान में मामले की जटिलता व ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को देखते हुए मीडिया चैनल को संतुलित रहने की सलाह दी गई।